लैखन अऊ लच्छु मधुमक्खी पालन ले कमाहीं मुनाफा

सुकमा, 03 जून 2021। मदरस (शहद, मधुरस) के गुन के बरे म तो आप सब झन जानतेच हव। सुकमा जिला म कई प्रकार के वनस्पति के भरमार हे, जेमां रकम रकम के फूल, पेड़ आदि सामिल हे। जिला म उपलब्‍ध वनस्पति विविधता मधुमक्खी के परागण बर अनुकुल हे। संगेच शुद्ध शहद के बाढ़त मांग अऊ अच्छा मार्किट रिस्पांस ल देखत पायलट प्रोजेक्ट के तौर म जिला के किसान मन ल मधुमक्खी पालन बर प्रशिक्षित करके ये काम म दक्ष बनाय जात हे।
छिन्दगढ़ ब्लाक के ग्राम पुजारीपाल के किसान लैखन कश्यप अऊ लच्छु राम भोयर मधुमक्खी पालन ले अकतहा आय के सपना जोहत हें। उंकर बताती ये काम म किसानी काम के अपेक्षा कम लागत अऊ मेहनत हे। उमन ल भरोसा हे के, मधुमक्खी के बनेच देखभाल करे ले ओ मन अकतहा आय अर्जित करके अपन आर्थिक स्थिति ल सुदृढ़ कर सकहीं।
कृषि विज्ञान केंद्र सुकमा के वरिष्ठ वैज्ञानिक श्री मनीष चैरसिया ह बताइस के एकीकृत आदिवासी विकास योजना अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करे के बाद ग्राम पंचायत छिन्दगढ़ अंतर्गत ग्राम पुजारीपाल के किसान लैखन कश्यप अऊ लच्छु राम भोयर ह केवीके के तकनिकी मार्गदर्शन म मधुमक्खी पालन शुरू करे हे। चैरसिया के बताती जिला प्रशासन के सहयोग ले कृषि विज्ञान केन्द्र अऊ वन विभाग कोति ले संयुक्त रुप ले मधुमक्खी पालन बर किसान मन ल प्रोत्साहित करे जात हे। मधुमक्खी पालन ले किसान मन ल स्वालंबन के नवा रद्दा मिलही। किसानी के संग ये काम म समय देके ओ मन अपन बर अकतहा आय के साधन सृजित कर सकत हें। किसान मन ल 5 पेटी हनी बी कॉलोनी, हनी बी हाइव अऊ शहद निकाले के यंत्र के संगें-संग आन सुरक्षा उपकरण जइसे मास्क, दस्ताना, स्मोकर, टॉप कवर देहे गए हे। वोकर बताती शुरुआत म एक पेटी ले करीबन 15 लीटर शहद के उत्पादन अनुमानित हे। बाजार भाव म शहद बेंचके करीबन 30 हजार तक के आय अर्जित करे जा सकत हे। समय के संग मधुमक्खि मन के संख्या म बढ़ोतरी होए म शहद उत्पादन अऊ मुनाफा बाढ़ही।

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