बेमेतरा, जिला के विकासखण्ड नवागढ़ के ग्राम धोबघट्टी के किसान चन्द्रभान सेन पिता ढेलूराम सेन ह बताइस कि ओ ह पाछू कई बछर ले रासायनिक खाद के सहारा म खेती करत हे। फेर ये साल वो ह कृषि विभाग के अधिकारी ले मार्गदर्शन ले के 0.80 हेक्टेयर म 2.00 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद, धान के रोपाई के समय करिस जेखर से फसल के विकास बहुत अच्छा होए हे। संगेच कंसो के संख्या घलोक जादा हे अऊ कीट व्याधि आदि के प्रकोप नइ होय हे। किसान ह बताइस कि ऊंखर खेत के माटी पउर साल के अपेक्षा जादा नरम अऊ उपजाऊ हे, जेखर सीधा प्रभाव धान के फसल म दिखत हे। किसान ह मगन मन से कहिस के मोला फसल के स्थिति देखके लागत हे के फसल उत्पादन पउर साल के अपेक्षा जादा होही। किसान ह ये घलोक बताइस के धान के फसल म ओ ह हर साल 5 ले 10 किलो जिंक सल्फेट डारत रहिस फेर ये साल जिंक सल्फेट के उपयोग नइ करे हे। केवल वर्मी कम्पोस्ट खाद के उपयोग ले ही फसल के जिंक अऊ आन माइक्रोन्यूट्रियन्ट के कमी पुरी हो गए हे। रासायनिक खेती के समय मोर लागत म सरलग बढ़ोतरी होवत रहिस, फेर उत्पादन म बढ़ोतरी नइ हो पात रहिस। किसान ह अपन अनुभव ले ये बात तको कहिस के ये साल लागत म कमी होए म जादा उत्पादन होए के दावा हे। किसान ह अपन आस-पास के किसान मन ल घलोक वर्मी-कम्पोस्ट खाद उपयोग करे के सलाह दीस अऊ अवइया साल बर अपन पूरा खेत मन म वर्मी-कम्पोस्ट खाद के उपयोग करे उपर रूचि जताईस।