दंतेवाड़ा जिला के ग्राम गदापाल के मनखे अचंभा म पर गे जब उमन देखिन के स्वर्गीय भीमा मंडावी के पिता घलोक डबडबाए आंखी म अपन परिवार के संग मतदान केन्द्र पहुंचिन। शहीद विधायक भीमा मंडावी के पत्नी ओजस्वी के गला घलोक रूंधे रहिस। अभी बेटा के शहादत ल दू दिन घलोक नइ होए रहिस, तभो ले पिता श्री लिंगाराम मंडावी बहू के संग घर ले निकलिस अऊ मतदान करिस। ये परिवार ए भारी दुख के समय म घलोक मतदान करना जरूरी समझिन। ये बेरा ह लोकतांत्रिक भरोसा के जीत के बेरा रहिस।
ये कल्पना करना बहुत कठिन रहिस के जऊन परिवार के जवान बेटा अभी दू दिन पहिलिच शहीद होए हे, वो परिवार वोट देहे बर मतदान केन्द्र तक पहुंचही। लोकतंत्र के ए दुर्लभ घटना के आज बस्तर ह गवाही बनिस। ये उन मनखे मन बर एक उदाहरण हे जऊन लोकतंत्र उपर विश्वास नइ करयं अऊ ऊंखर बर घलोक, जऊन मजबूत लोकतंत्र बर अपन मताधिकार के उपयोग नइ करंय (वोट नई डारंय कथें हमला का करना हे)।