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प्रकृति के सेवा, परंपरा अऊ संस्कृति के अभिन्न अंग भोजली पर्व: राज्यपाल सुश्री उइके

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रायपुर, राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज रायपुर के बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम म गोंडी धर्म संस्कृति संरक्षण समिति कोति ले सावन पूर्णिमा के अवसर म आयोजित राष्ट्रीय भोजली महोत्सव म सामिल होइन। कार्यक्रम स्थल म पहुंचतेच नगाड़ा अऊ मांदर के थाप म परंपरागत नृत्य करत राज्यपाल सुश्री उइके के आत्मीय स्वागत करे गीस अऊ समिति के सदस्य मन ह सम्मान स्वरूप ओ मन ल छत्तीसगढ़ी आभूषण पहिराईन। ये दौरान राज्यपाल ह भोजली माता अऊ बड़ादेव के पूजा-अर्चना कर प्रदेश के सुख, समृद्धि अऊ खुशहाली के कामना करिन।

कार्यक्रम ल संबोधित करत राज्यपाल सुश्री उइके ह भोजली पर्व अऊ रक्षाबंधन के शुभकामना देवत कहिन कि आज इहां देश के कई ठन राज्य मन ले जनजातीय समाज के मनखे भोजली के अवसर म सकलाए हें। अतका बड़ संख्या म मनखे मन के एकजुट होके त्यौहार मनाना दर्शाथे कि जनजातीय समाज म भोजली पर्व के कतका महत्व हे। राज्यपाल ह भोजली पर्व मनाए के परंपरा अऊ ये दौरान आयोजित होवइया गतिविधि मन के बारे म बतात कहिन कि मनखे भोजली माता ले हरियाली अऊ अच्छा फसल के कामना करथें। भोजली अनादिकाल ले चले आत परंपरा अऊ संस्कृति के अभिन्न अंग ये। ये मूलतः अन्न माता व प्रकृति के सेवा हे। अंकुरित बीज के पल्लवित रूप के भोजली माता के रूप म सेवा करे जाथे।

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