मनरेगा अऊ बिहान ह दीस कमई के जरिया

भोरमदेव, इंद्राणी, उर्मिला, सुनीता अऊ सातोबाई के जिंदगी अब बदल गए हे। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) अऊ बिहान (छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन) ह उंखर जीवन बदले म बड़का भूमिका निभाए हे। मनरेगा अऊ 14वां वित्त आयोग के अभिसरण ले बने वर्क-शेड म स्वसहायता समूह के ये महिला मन ‘बिहान कैंटीन’ संचालित करके रोज करीबन एक हजार ले 1200 रूपिया के कमाई करत हें।
ये चारों महिला मन कबीरधाम जिला के बोड़ला विकासखंड के राजा नवागांव के भारत माता स्वसहायता समूह के सदस्य हें। ए महिला मन ह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित ग्राम संगठन ले 30 हजार रूपिया के करजा लेके कैंटीन शुरू करे रहिन। इंकर हुनर अऊ इंकर बनाए नाश्ता के स्वाद ले कैंटीन म भीड़ जुटे लगे हे। प्रसिद्ध पर्यटन अऊ धार्मिक स्थल भोरमदेव पहुंचइया पर्यटक मन अऊ नजदीकी धान खरीदी केन्द्र म अवइया किसान मन के भीड़ उहां लगे रहिथे। एखर से इंकर आमदनी बाढ़त हे। अक्टूबर-2021 के आखिरी हफ्ता म शुरू होए ये कैंटीन ले ए महिला मन ह अब तक करीबन 60 हजार रूपिया के नाश्ता बेचे हें। ये मां ले 30 हजार रूपिया बचाके उमन आमदनी म हिस्सेदारी के संग ग्राम संगठन ले लेहे करजा ल लौटाना घलोक शुरू कर देहे हें।
‘बिहान कैंटीन’ संचालित करइया भारत माता स्वसहायता समूह के सचिव श्रीमती उर्मिला ध्रुर्वे बताथे कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ऊंखर समूह के गठन होए हे। समूह ह कैंटीन चलाय बर बर्तन अऊ राशन खरीदे बर ग्राम संगठन ले 30 हजार रूपिया के करजा लेहे हें। समूह के चार महिला मन ये कैंटीन के संचालन करत हें। उर्मिला आगू बताथे के समूह के कोसिस रहिथे के कैंटीन म अवइया हर एक मनखे ल गरमा-गरम चाय-नाश्ता परोसे जाय। दिनभर के मेहनत के बाद चारो सदस्य मन ल 300-300 रूपिया के आमदनी हो जाथे। मनरेगा अऊ ‘बिहान’ के सहयोग ले ओ मन अब आर्थिक रूप ले स्वावलंबी होवत हें।
राजा नवागांव के सरपंच श्री गंगूराम धुर्वे स्व सहायता समूह बर मनरेगा अभिसरण ले बने ये वर्क-शेड के बारे म बताथे कि ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार म साल 2020-21 म एखर स्वीकृति मिले रहिस। भोरमदेव आजीविका केन्द्र ले लगे ये शेड सात लाख आठ हजार रूपिया के लागत ले जुलाई-2021 म बनके तियार होए हे। गांव के मनरेगा श्रमिक मन ल एखर निर्माण के समय 335 मानव दिवस के रोजगार प्राप्त होइस जेखर बर ओ मन ल करीब 64 हजार रूपिया के मजदूरी भुगतान करे गीस। मनरेगा अऊ 14वां वित्त आयोग के अभिसरण ले निर्मित ये परिसम्पत्ति ह कैंटीन के रूप म महिला मन ल आजीविका के नवा साधन देहे हे।

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