आजीविका मिशन बनिस मुरई बाई के परिवार के आजीविका के साधन : सब्जी-भाजी के खेती बनिस आय के जरिया

बस्तर, ग्रामीण क्षेत्र मन के महिला मन ल घर अऊ गांव के तीर-तखार म रोजगार देवा के ओ मन ल आत्मनिर्भर बनाए बर संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, बस्तर जिला के बकावण्ड विकासखण्ड के ग्राम पंचायत डिमरापाल के मुरई बाई के परिवार बर आजीविका के आधार बन गए हे। अपन गांव के जय मां लक्ष्मी स्व-सहायता समूह ले ऋण के रूप म मिले राशि अऊ कुंआ निर्माण बर मिले अल्पकालीन कृषि ऋण के लाभ उठाके उमन अपन खेती-किसानी के दशा अऊ दिशा बदल देहे हें। कुंआ के निर्माण कराए ले बारहमासी सिंचाई के सुविधा उमन ल मिल गए हे। एकर लाभ उठाके उमन अपन खेत मन मं बारहमासी फसल के संगे-संग सब्जी के खेती ल अपनाके अकतहा आमदनी के जरिया खोज लेहे हें। अकतहा आमदनी ले मुरई बाई के परिवार के जीवन स्तर मं सकारात्मक बदलाव आए हे।
मुरई बाई स्व-सहायता समूह ले जुड़े हे। वो ह अपन समूह ले अब तक 4 पईत म एक लाख 26 हजार रूपिया ऋण लेहे हे। वोखर पास जमीन तो रहिस फेर पानी के सुविधा नइ होए के सेती बाड़ी मे कुछु नइ लगात रहिस। अब वो ह कुंआ निर्माण बर लेहे गए ऋण घलोक लहुटा डारे हे अऊ अब साग सब्जी के खेती ले हर महीना करीबन 14 हजार के आमदनी पावत हे। संगें में वो ह मौसम आधारित फसल म पत्तागोभी, फूलगोभी, गवारफली, सेम, रबी फसल मं आलू, प्याज, बैगन, मिर्ची, ग्रीष्मकालीन फसल मं कद्दू, खीरा, लौकी, बरबटी के खेती करे ले अकतहा आमदानी कमावत हे।

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