बिलासपुर, श्रीमती माधुरी धुरी के जीवन के धुरी पहिली वोकर घर अउ परिवार तक सीमित रहिस। बाहिर के दुनिया ले वोकर नाता नइ रहिस फेर जब ले ओला गौठान म स्वसहायता समूह ले जुड़कर काम करे के मौका मिले हे ओखर तो दुनियाच बदल गए हे। गौठान म गोबर ले वर्मी खाद बनाके ओखर बिक्री ले जेन लाभांश मिलत हे ओखर से माधुरी ह स्मार्ट फोन बिसाए हे। अऊ एखर माध्यम ले वो ह आधुनिक दुनिया ले रूबरू होवत हे।
बिलासपुर नगर निगम अन्तर्गत मोपका के शहरी गौठान म वर्मी खाद बनाए के संग आन आयवर्द्धक गतिविधि मन म रत मां अन्नपूर्णा महिला स्वसहायता समूह के सचिव श्रीमती माधुरी धुरी ह बताइस के वो पउर साल ले मोपका गौठान म आन महिला मन के संग गोधन न्याय योजना के तहत् गोबर ले वर्मी कम्पोस्ट बनाए के काम करत हे। ओखर तिर पहिली की-पेड वाला मोबाईल फोन रहिस जेन ओखर जरूरत बर पूरा नइ रहिस। वर्मी खाद के बिक्री ले ओला पहली पइत जब लाभांश के पइसा मिलिस त वो पइसा ले ओ ह पांच महिना पहिली स्मार्ट फोन बिसाए हे। जेखर उपयोग करके वो ह अपन काम सुविधाजनक ढंग ले कर पावत हे।
माधुरी के लगन ल देखत नगर निगम कोति ले स्वच्छ भारत मिशन ले जोड़े गए हे। नगर निगम कोति ले उपलब्ध कराए गे ट्राईसाईकिल म वो कॉलोनी म जाके घर मन ले कचरा संग्रहण करे के काम करत हे। जेखर से ओला हर महिना 6 हजार के अमदानी मिलत हे। माधुरी भिनसरहा जल्दी उठके अपन घरेलु काम निपटाथे अऊ रोजेच बिहनिया 7 बजे गौठान पहुंचथे फेर ट्राईसाइकिल लेके मनखे मन के घर मन ले मंझनिया तक कचरा संग्रहण करथे फेर गौठान म आके वर्मी खाद बनाए के काम म जुट जाथे। ए व्यस्त दिनचर्या म वो ह मगन हे।
माधुरी पहिली अपन घर तक सीमित रहिस। अब बाहिर निकलके सुराजी ग्राम योजना के तहत गौठान के आर्थिक गतिविधि मन ले जुड़े हे जेखर से वोकर म आत्मविश्वास आ गए हे अऊ वो आत्मनिर्भर बनके स्वावंलबन के रददा म आगू बढ़त हे।
महात्मा गांधी जी के आदर्श के मुताबिक छत्तीसगढ़ सरकार के ये योजना ह स्वावलम्बन के ओखर सपना ल पूरा करे के हौसला देहे हे।