बर्ड फ्लू उत्पन्न होए म, बचाव अउ रोकथाम

सूरजपुर, मुख्य चिकित्सा अउ स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस. सिंह ह जिला म बर्ड फ्लू के खतरा ल लेके जनसामान्य ल सतर्क रहे बर कहे हें। संगेच बताए हें कि एवियन एन्लूएंजा (एच5 एन1) वायरस बर्ड फ्लू के नाम ले जाने जाथे। ये खतरनाक वायरस के संक्रमण मनखे अऊ चिरई-चुरगुन मन ल जादा प्रभावित करथे। बर्ड फ्लू के फइलाव चिकन, टर्की, गिस अऊ बतख के प्रजाति जइसे पक्षी मन ल सबले जादा प्रभावित करथे। एखर से मनखे अऊ पक्षी मन के मौत तक हो सकत हे।

जिला सर्वेलेंस अधिकारी डॉ. राजेश पैकरा ह बर्ड फ्लू के कारण अउ लक्षण संबंधी जानकारी दिए हें। उमन बताइन कि बर्ड फ्लू ले मनखे ल बुखार, हमेशा कफ रहना, नाक बहना, सिर म दर्द रहना, गला म सूजन, मांसपेशि मन म दर्द, दस्त होना, हर वक्त उल्टी जइसे महसूस होना, पेट के निचे के हिस्सा म दर्द रहना, सांस लेहे म समस्या, सांस न आना, निमोनिया, आंख म कंजंक्टिवाइटिस होए लगथे। संगेच बीमारी के जटिलता ल लेके बताए गीस कि आंख के संक्रमण, सांस लेहे म काफी दिक्कत, निमोनिया, मस्तिष्क अऊ हद्य म सूजन तको हो जाथे।

बर्ड फ्लू ले बचाव बर मरे चिरई-चुरगुन ले दूर रहिना चाही, कहूं तीर-तखार कोनो पक्षी के मौत हो गए हे त एखर सूचना संबंधित विभाग ल देना चाही। बर्ड फ्लू वाले एरिया म नॉनवेज झन खावयं, कोशिश करव कि मास्क पहिरके बाहिर निकलव। कोनो मनखे ल सर्दी, खांसी बुखार के शिकायत होवय त तुरंते तीर के चिकित्सक ले संपर्क करके उपचार लेवव। पक्षी मन के पंख, लार, अऊ अपशिष्ट पदार्थ मन ल झन छुवव। गर्भवती महिला मन अऊ लइका जानवर मन अऊ पक्षी मन के संपर्क म आए ले बचाव। रोग ले मरे पक्षी मन ल झन खाव। कच्चा या अधपका मांस झन खाव। मांस ल 30 मिनट ले जादा समय तक 70 डिग्री सेंटीग्रेड म पकाए के बाद ही खावव। पोल्ट्री पक्षी मन या ऊंखर उत्पाद मन के संपर्क म अवइया ल घेरी-बेरी अपन हाथ साबुन अऊ पानी ले धोना चाही। पालतू या गैर पालतू पक्षी मन के अचानक मृत्यु के जानकारी मिलय त तुरंते एखर सूचना नजीक के पशु चिकित्सा अधिकारी ल देना चाही। मरे पक्षी मन ल हाथ झन लगावव।

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