- शबरी के तपोभूमि शिवरीनारायण ल घलोक संवारत हे छत्तीसगढ़ सरकार
- भगवान राम के वन गमन पथ छत्तीसगढ़ के नवा टूरिज्म सर्किट म
- पहिली चरण म 9 जगा के होही सौंदर्यीकरण अऊ विकास
रायपुर, 2 अगस्त 2020। छत्तीसगढ़ म न केवल प्रभु राम के माता कौशल्या के जन्म होय रहिस, रामायण के माध्यम ले रामकथा ल दुनिया के आगू लवैया महर्षि बाल्मिकी ह घलोक ईही धरती म आश्रम बना के साधना करिन। प्रदेश के भूपेश बघेल सरकार ह कौशल्या के जन्म-स्थल चंदखुरी के जइसे तुरतुरिया के बाल्मिकी आश्रम ल घलोक पर्यटन-तीर्थ के रूप म विकसित करे बर काम के रूप-रेखा तैयार कर लेहे हे। अइसनहे रामकथा ले संबंधित एक अऊ महत्वपूर्ण स्थल शिवरीनारायण के विकास बर कार्ययोजना तैयार कर लहे गए हे। शिवरीनारायण उही जगा ये जिन्हे माता शबरी ह प्रभु राम ल जूठा बोइर खाए रहिन।
बलौदाबाजार जिला के तुरतुरिया म बाल्मिकी आश्रम अउ ओखर आसपास के सौंदर्यीकरण करे जाही। ये प्राकृतिक दृश्य ले भरे एक मनोरम स्थान हे, जऊन पहाड़ मन ले घिरे हे। ये बारनवापारा अभयारण्य ले लगे हे। इहां बालमदेही नदी अऊ नारायणपुर के तीर बोहइया महानदी म वाटर फ्रंट डेवलपमेंट करे जाही। ए जगा मन म कॉटेज घलोक बनाए जाही। तुरतुरिया के ही तीर स्थित एक हजार साल जुन्ना शिव मंदिर ल घलोक पर्यटन केंद्र के रूप म विकसित करे जाही। भगवान राम ह अपन वनवासकाल के समय कुछ समय तुरतुरिया के जंगल म घलोक बिताए रहिन। अइसन घलोक मान्यता हे के लव-कुश के जन्म इही आश्रम म होय रहिस। तुरतुरिया ल ईको टुरिज्म स्पाट के रूप म विकसित करे के योजना हे।
तुरतुरिया के ही जइसे शिवरीनारायण घलोक एक सुंदर जगा हे। जांजगीर-चांपा जिला म महानदी, जोंक अऊ शिवनाथ नदी मन के संगम म स्थित धार्मिक अऊ सांस्कृतिक महत्व के ये जगा रामकथा ले संबंधित होए के संगे-संग भगवान जगन्नाथ ले घलोक संबंधित हे। मान्यता के मुताबिक ये शहर चारों युग म विद्यमान रहे हे, अऊ अलग-अलग नांव ले जाने गए हे। इन्हे ले भगवान जगन्नाथ के विग्रह ओडिशा के पुरी स्थित मंदिर म ले जाके स्थापित करे गए हे। हर साल माघ पूर्णिमा के भगवान जगन्नाथ शिवरीनारायण म विराजथे। ए जगा ल गुप्त-तीर्थ अउ छत्तीसगढ़ के जगन्नाथ-पुरी के नाम ले घलोक जाने जाथे। छत्तीसगढ़ शासन ह शिवरीनारायण के घलोक सौंदर्यीकरण अऊ विकास के कार्ययोजना तैयार करे हे। इहां घलोक पर्यटन सुविधा विकसित करे जात हे।
रायपुर जिला के चंदखुरी के जइसे तुरतुरिया अऊ शिवरीनारायण घलोक मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के महत्वाकांक्षी राम वन गमन पथ परियोजना म सामिल हे। 137.45 करोड़ रुपिया के ए परियोजना के पहिली चरण म 9 जगा ल विकास अऊ सौंदर्यीकरण बर चिन्हिंत करे गए हे। प्रदेश म कुल 75 अइसन जगा मन के पहिचान करे गए हे, जिहां अपन वनवास के समय भगवान राम या तो ठहरे रहिन, या जिहां ले ओ मन गुजरे रहिन। दिसंबर महिना म चंदखुरी स्थित माता कौशल्या मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण अउ विस्तार के काम के शिलान्यास के संग ही राम वन गमन रस्ता म स्थित सबो 9 चिन्हिंत स्थान मन के घलोक सौंदर्यीकरण अउ विस्तार के काम के शुरुआत होवइया हे।