बस्तर के विकास के नवा अध्याय लिखही बोध घाट सिंचाई परियोजना

बोधघाट एक अइसन प्रोजेक्ट जेखर लाभ सिरिफ अऊ सिरीफ बस्तरवासी मन ल: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
बोधघाट बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना बस्तर के विकास के नवा अध्याय लिखही। इंद्रावती नदी के जल के बस्तरवासी मन के हक म सदुपयोग बर बोधघाट सिंचाई परियोजना के निर्माण जरूरी हे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के ये वाले मानना हे कि बस्तर के विकास के इतिहास म बोधघाट प्रोजेक्ट अब तक के एक मात्र अइसन प्रोजेक्ट हे, जेखर शत-प्रतिशत लाभ सिरिफ अऊ सिरिफ बस्तरवासी मन ल मिलना हे। बस्तर अंचल के जीवनदायिनी इंद्रावती नदी के मात्र 11 टीएमसी जल के ही उपयोग अभी बस्तरवासी मन के हक म हो पावत हे, जबकि इंद्रावती नदी के 300 टीएमसी जल ऊपर बस्तरवासी मन के हक हे। बोधघाट सिंचाई परियोजना के निर्माण ले इंद्रावती नदी के जल के सदुपयोग म एक कोति 30 गुना के बढ़ोतरी होही, उहें दुसर कोति बस्तर अऊ बस्तरवासी के खुशहाली अऊ समृद्धि म एखर सेती कई गुना के बढ़ोतरी होही।
प्रदेश सरकार ह बोधघाट बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना के जुन्ना स्वरूप ल पूरा बदल के अब एला बस्तरवासी मन के बेहतरी बर तैयार करे गए हे। 40 बछर ले लंबित ये परियोजना पहिली हाईड्रल प्रोजेक्ट के रूप म तैयार करे गए रहिस। जऊन ल भूपेश सरकार ह बस्तर अंचल के मनखे मन के भावना ल ध्यान म रखत अब एला सिंचाई परियोजना के रूप म बदल देहे हे। इंद्रावती नदी ले बस्तर के हक हिस्सा के जल जऊन अभी हाल म बिना रोकटोक के प्रवाहित हो जात हे। ए परियोजना के निर्माण ले एकर उपयोग बस्तर अंचल म सिंचाई बर होए लगही। ए परियोजना के निर्माण ले तीन लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर म सिंचाई अऊ कारीबन 300 मेगावाट विद्युत उत्पादन होही, जऊन बस्तर के खुशहाली अऊ समृद्धि के नवा इतिहास लिखही। बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा बीजापुर अऊ सुकमा जइसे वामपंथ उग्रवाद ले प्रभावित जिला मन म अब बंदूक के जगा फसल उपजहि। खेत लहलहाही। धरती धानी चादर ओढ़ के खुशहाली के गीत गाही। इहां के जनजीवन मुस्काही। किसान मन के खाँधा म नागर अऊ हाथ म फावड़ा अऊ कुदाल होही। धरती म नवा पिका फूटही, जऊन मनखे मन के जन जीवन म नवा बिहान अऊ नवा उमंग लाही।
बस्तरवासी मन के बढ़ोतरी के सपना ल साकार करे के बीड़ा उठइया मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कोरोना जइसे महामारी अऊ आर्थिक संकट के ए विषम परिस्थिति म घलोक बोधघाट सिंचाई परियोजना के काम ल उही हौसला के संग आगू बढ़ाय के बात दोहराए हे, जइसन उमन कोरोना ले पहिली विधानसभा के बजट सत्र म कहे रहिन। मुख्यमंत्री के ये बाँचा, छत्तीसगढ़ के विकास अऊ इहां के मनखे मन ल खुशहाली कोति ले जाय के हे। इहां मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के वो उदीम मन के उल्लेख करना घलोक जरूरी हे, जेमां उमन ए सिंचाई परियोजना के काम ल आगू बढ़ाय के मंजूरी बर केंद्रीय जल संसाधन मंत्री ल न सिरिफ घेरी-बेरी चिट्ठी लिखिन, भलुक कई दफे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम ले ए परियोजना के महत्ता बता के केंद्र ले ए प्रोजेक्ट ल मंजूरी देवाए म अहम रोल अदा करे हें। मुख्यमंत्री के प्रयास के ही ये प्रतिफल हे कि केंद्रीय जल आयोग ह 40 बछर ले लंबित ए प्रोजेक्ट ल फिजिबल मानत अपन मंजूरी दे देहे हे। बोधघाट बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना के मंजूरी मिलतेच एखर सर्वेक्षण अऊ डीपीआर ल तैयार कराए के काम शुरू कर दे गए हे। इहां ये घलोक बताना लाजमी हे कि पहिली बोधघाट परियोजना म सिरिफ दंतेवाड़ा अऊ बीजापुर जिला सामिल रहिस। ए दुनों जिला मन म ए परियोजना के माध्यम ले खरीफ, रबी अऊ ग्रीष्म कालीन फसल मन बर कुल 2 लाख 65हजार 580 हेक्टेयर क्षेत्र म सिंचाई प्रस्तावित रहिस, फेर मुख्यमंत्री ह ए परियोजना के माध्यम ले सुकमा जिला के किसान मन ल सिंचाई बर पानी देहे के मंशा जताए रहिन। एखर बाद जल संसाधन विभाग ह सुकमा जिला ल घलोक ए प्रोजेक्ट म सामिल करिस। अब सुकमा जिला ल घलोक खरीफ, रबी अऊ ग्रीष्मकालीन फसल मन बर कुल एक लाख हेक्टेयर म पानी मिलही। ए प्रकार ले देखे जाय त ए सिंचाई परियोजना के माध्यम ले अब ओ तीनों जिला मन म कुल 3 लाख 65 हजार 580 हेक्टेयर रकबा म सिंचाई बर जल आपूर्ति प्रस्तावित हे।
छत्तीसगढ़ महतारी के पांव पखरइया बस्तर के जीवनदायिनी इंद्रावती नदी म प्रस्तावित बोधघाट सिंचाई परियोजना के कुल लागत 22 हजार 655 करोड़ रुपए हे। बोधघाट सिंचाई परियोजना बर राज्य सरकार ह हाईड्रल पावर के बजाय अब सिंचाई ल ही प्राथमिकता म सामिल करे हे। बोधघाट परियोजना म कारीबन 145 किलोमीटर लंबाई के तट नहर बनही। एखर संग 250 ले जादा शाखा नहर होही। ये मां ले एक छोर के माइनर सीधा सुकमा जिला तक जुड़ही, ओही एक छोर बीजापुर जिला तक जाही। परियोजना म सबले बेहतर क्षेत्र सुकमा जिला के दायरा म आवत हे। सिंचाई के सबले जादा फायदा राज्य के ए आखरी छोर ल मिलही। बोधघाट परियोजना के दायरा, अभी हाल म छत्तीसगढ़ के महानदी मुख्य नहर अउ हसदेव बांगो ले घलोक बड़े हो जाही। ए परियोजना के 145 किलोमीटर तट नहर, राज्य के परियोजना म अब तक के सबले बड़े नहर होही। बोधघाट परियोजना ले प्रभावित परिवार के बेहतर पुनर्वास बर राज्य सरकार पूरा संवेदनशील अऊ प्रतिबद्ध हे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के कहना हे कि ए प्रोजेक्ट बर पुनर्वास के सबले अच्छा नीति बस्तरवासी मन के भावना अऊ ऊंखर सुझाव के मुताबिक तैयार करे जाही अऊ हरहाल म एकर लाभ ओकर मन बर ठउका करे जाही।

लउछरहा..