लॉक डाउन के बेरा म गुलजार हो गीस पाटन जनपद के बोरेन्दा के बाड़ी
पाटन ब्लॉक के बोरेन्दा म 7.50 एकड़ घास जमीन म सामुदायिक बाड़ी
गाँव के महिला समूह करत हे इहां ऑर्गेनिक साग-भाजी उत्पादन
आस पास के गाँव के बारी मन के साग-भाजी ल सकेले बोरेन्दा म बनाय जाही कोल्ड स्टोरेज महिला मन के परमानेंट इनकम के होही इंतजाम
45 दिन के कड़क मेहनत रंग लाईस, भाजी के फसल आईस, कुछ दिन म साग-भाजी घलोक हो जाही तियार
दुर्ग 08 मई 2020। लॉक डाउन के बेरा म जब सबो कोति सन्नाटा छाए हे फेर दुरुग जिला के बोरेन्दा गांव के बाड़ी म महिला मन के सपना के पेड़ पोंखियात हे। 45 दिन तक इमन कड़क मेहनत करे हें। एकरे संग गांव वाले मन ह घलोक अपन गांव म नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के सपना ल साकार करे के ठाने हें। सबके मेहनत साकार होए हे अऊ किसिम-किसिम के भाजी ले बोरेन्दा के बाड़ी सज गए हे। अभी भाजी के पहली फसल तोरे गए हे। चेंच, चउलई, पटवा भाजी गांव के हर घर म चुरत हे। ग्रामीण अर्थव्यवस्था ल मजबूती देहे शुरू करे गए नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना म सरकार के दूर दृष्टि अऊ प्रबंधन काबिले तारीफ हे। ए योजना के सेती कोविड 19 के राष्ट्रीय आपदा के समय घलोक मनखे मन ल रोजगार मिलत हे। जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ह बताइस के लॉक डाउन म आजीविका ले संकट ले निपटे म नरवा गरूवा घुरूआ बाड़ी योजना के सबो घटक मन के भूमिका काफी महत्वपूर्ण रहे हे। हमन गौठान (गरूवा अऊ घुरूआ), जल संरक्षण (नरवा) अऊ बाड़ी सबो क्षेत्र मन म मनरेगा के माध्यम ले मनखे मन ल रोजगार देत हे।
बाड़ी योजना के माध्यम ले पौष्टिक अऊ ऑर्गेनिक साग-भाजी उगाए जात हे, ताकि कुपोषण के खिलाफ लड़ाई जीते जा सकय अऊ महिला मन ल आर्थिक सबलता मिलय। पाटन जनपद पंचायत के बोरेन्दा गांव के महिला मन सामुदायिक बाड़ी के माध्यम ले ऑर्गेनिक साग-भाजी उगावत हें। एखर से ए गाँव के महिला समूह मन ल काम अऊ आर्थिक लाभ मिले हे अऊ गांव वाले मन ल ताजा सब्जी।
- घास जमीन म करे गीस बाड़ी के विकास, जेमां मनरेगा के तहत मिलीस गांव वाले मन ल काम
गांव म सामुदायिक बाड़ी के विकास बर जमीन के तलाश शुरू करे गीस। जिहां पानी के बने व्यवस्था होवय। गांव के बाहरी सीमा ले लगे करीबन साढ़े सात एकड़ घास जमीन म बाड़ी बनाए के काम शुरू करे गीस। एखर बर मनरेगा के तहत गांव के श्रमिक मन ल घलोक काम दे गीस। महिला समूह मन ले बातचीत करे के बाद 11 महिला समूह तैयार होइन जेखर बाद सबो महिला मन ल प्रशिक्षित करे गीस। बाड़ी बनाए के काम 16 मार्च ले शुरू होइस अऊ 1 महिना ले घलोक कम समय म बाड़ी तैयार कर ले गइस। उद्यानिकी विभाग ह निःशुल्क साग-भाजी के थरहा अऊ बीज उपलब्ध कराइस। ए बाड़ी म टमाटर, बैगन, लौकी, करेला, टिंडा लगाए गे हे। मौसमी भाजी जइसे चेंच भाजी, अमारी भाजी, खेड़ा भाजी आदि के एक फसल घलोक तैयार हो गे हे। ये साग-भाजी पूरा ऑर्गेनिक हे। इहां गौठान म निर्मित गोबर खाद, नाडेप टंकी अऊ वर्मी कम्पोस्ट खाद के ही उपयोग करे जाथे। कोनो प्रकार के रसायन उपयोग म नइ लाए जाय।
बाड़ी म काम करत समय महिला मन सोशल डिस्टेंसिंग के रखत हे ध्यान
जानकी समूह के अध्यक्ष धान बाई के बताती वर्तमान म लौकी, टिंडा, करेला, बैंगन, बरबट्टी, चुरचुटीया आदि के फसल लेहे जात हे।
मोर राम समूह के रेशमी बताथे के सबो महिला मन भिनसरहा अऊ संझा के अपन समय ल बाड़ी ल देथें। लॉक डाउन के कठिन समय म सब महिला मन ह मिल जुलके काम करे हें जेखर नतीजा आज सामने हे। जय माँ दुर्गा समूह के सुनीता कथे के ए योजना ले जुड़के अच्छा लगत हे। ताजा साग-भाजी घलोक मिलत हे अऊ आमदनी घलोक हो जात हे। जय माँ ज्वाला समूह के केवरा साहू ह अपन अनुभव बताइस के ए नवा बीमारी के नाम सुनके सबो डेराए रहिन, लगत रहिस के लॉक डाउन म सब काम बंद हो जाही त का करबो। फेर जनपद पंचायत कोति ले बताए गीस के डरना नइ हे सावधानी रखना हे। साग-भाजी उगाए बर प्रशिक्षण घलोक मिलीस। बाड़ी म कोरोना संक्रमण ले बचाव बर सोशल डिस्टेंसिंग के अनिवार्य रूप ले पालन करवाए जात हे। महिला मन घलोक जागरूक हें अउ सेनेटाइजेशन के घलोक पूरा ख्याल रखत हें।
- कोल्ड स्टोरेज घलोक बनही
- महिला मन के रोजगार के स्थायी व्यवस्था
अभी गांव के मनखे मन सीधा बाड़ी म जा के साग-भाजी खरीद सकत हें। बोरेन्दा म लउहे साग-भाजी रखे बर कोल्ड स्टोरेज बनाय जाही। जेमां आस पास के गांव ले साग-भाजी सकेल के रखे जाही। साग-भाजी के परिवहन अऊ बिक्री के पूरा व्यवस्था घलोक जनपद पंचायत करही। ए प्रकार ले महिला मन के आय के स्थायी संसाधन तैयार करे जात हे। अवइया दू साल बर ये बाड़ी ए महिला मन ल दे गए हे जेकर मियाद बेरा म बढ़ाए जा सकही।