गौठान मन म सरलग होवत हे गोमूत्र खरीदी, समूह के महिला मन ह गोमूत्र ले बनावत हें जीवमृत अऊ ब्रम्हास्त्र कीटनाशक

जैविक कीटनाशक रासायनिक के बल्‍दा पौधा मन ल कीरा मन ले बचाए बर बढि़या जिनिस

कोरिया, शासन के महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना आज आमजन के सपना साकार करइया योजना बन गे हे। ये योजना म पशुपालक मन ल गोबर बेंचे ले एक कोति अकतहा आमदनी मिलीस, एहें दुसर कोति गोबर ले वर्मी कम्पोस्ट खाद बना के बेंचई ले महिला मन ल स्वरोजगार के नवा जरिया मिलिस। इही कड़ी म मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह पशुपालक मन ल एक अऊ सौगात दीन, हरेली तिहार ले गौठान मन म गोमूत्र के घलोक खरीदी के शुरुआत ले मनखे मन ल आजीविका के नवा साधन मिल गे।

जिला म कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन म दू गौठान मन म गोमूत्र ख़रीदी करे जात हे, जेमें विकासखण्ड बैकुण्ठपुर के जूनापारा अऊ विकासखण्ड सोनहत के पोड़ी गौठान म गोमूत्र खरीदके महिला मन जीवामृत अऊ ब्रम्हास्त्र बनावत हें। जानबा हे कि अब तक जिला म 4 रुपए प्रतिलीटर के दर ले कुल 279 लीटर गोमूत्र के खरीदी हो गए हे। गोमूत्र ले बने उत्पाद मन ल जिला मुख्यालय म स्थित सीमार्ट म विक्रय बर रखे जाही।

रासायनिक खाद अऊ कीटनाशक के बहुत परयोग ले माटी ल नुकसान पहुंचत हे उहें मानव स्वास्थ्य म घलोक एखर घातक परिणाम देखे ल मिलत हे। जूनापारा गौठान के भक्ति महिला स्व सहायता समूह के अध्यक्ष पार्वती ह बताइस कि जीवामृत एक पारम्परिक जैव कीटनाशक ये। गोमूत्र म बेसन, गुड़, गोबर, माटी, पानी निश्चित अनुपात म बने सहिन मिलाके ढंकके रखे जाथे। समय-समय म एला लकड़ी के सहायता ले मिलाए जाथे, करीबन 2-3 दिन म किण्वन प्रक्रिया ले जीवामृत तियार हो जाथे। जीवामृत म भरपूर मात्रा म जैविक पोषक तत्व पाए जाथे, जेन पौधा अऊ माटी बर उपयोगी हे। अइसनहे गौमूत्र म पानी अऊ कई प्रकार के पत्ति मन ल पीसके मिलाए जाथे, फेर बने सहिन उबालके 24 घण्टा ठंडा करे के बाद छानके ब्रम्हास्त्र बनाए जाथे। ये जैविक कीटनाशक रासायनिक कीटनाशक मन के बल्‍दा पौधा मन के कीरा मन ले रक्षा बर अच्छा विकल्प हे।

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