सुकमा म पहली पईत होही बटेर के व्यावसायिक पालन: बटेर पालन ले अपन आमदनी बढ़ाहीं सौतनार के 60 महिला मन

  • पशुधन विकास विभाग ले बटेर के चियां लेके व्यवसाय करिन चालू

सुकमा, 09 मई 2020। मांस खवईया मन के बटेर के मांग ल देखत सुकमा जिला म एखर व्यावसायिक पालन ल बढ़ावा देहे के उदीम करे जात हे। पशुधन विकास विभाग कोति ले बटेर पालन बर स्व-सहायता समूह के महिला मन ल प्रोत्साहित करे के संग जरूरी संसाधन घलोक उपलब्‍ध कराए जात हे, ताकि ओ मन आसानी ले बटेर के व्यावसायिक पालन कर सकयं।

पशुधन विकास विभाग के उप संचालक श्री शेख जहीरुद्दीन के बताती बटेर पालन योजना ले जिहां सुवाद के शौकीन मन बर आसानी ले बटेर उपलब्‍ध होही, उहें स्थानीय मनखे मन के आय म घलोक बढ़ोतरी होही। विभाग कोति ले ये योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करइया स्व-सहायता समूह के महिला मन ल बटेर के संग जरूरी संसाधन उपलब्‍ध कराए गए हे। उंकर कहना हे के सौतनार के तुलसी डोंगरी स्वसहायता समूह, संतोषी मां स्वसहायता समूह, मां दुर्गा स्वसहायता समूह, लक्ष्मी स्वसहायता समूह, नर्मदा स्वसहायता समूह अऊ सूरज स्वसहायता समूह के महिला मन बटेर पालन चालू करे हें। एखर बर सबो स्व-सहायता समूह मन ल 80-80 नग बटेर के चिंया अऊ 16-16 किलो दाना देहे गए हे। ए महिला मन ल बटेर पालन अऊ रखरखाव के प्रशिक्षण देहे गए हे।

पाछू कुछ बछर म अंडा अऊ मांस के कारोबार लउहे बाढ़त हे जेखर बर मनखे मन ब्रायलर फार्मिंग करत हें, जेमां मुनाफा घलोक मिलत हे फेर बीमारी मन के डर घलोक बने हे। अइसन म बटेर पालन करके कम खरचा म ही जादा मुनाफा कमाए जा सकत हे। अब समूह ह बटेर पालन करके अपन आय बढ़ा सकही।

जानबा हे के बटेर के आहार म जादा खरचा नइ आवय, ये ह घरे म बने कनकी, मक्का आदि ल भोजन के रुप म ग्रहण करथे। एक बंद पिंजरा म ही इकंर पालन पोषण करे जा सकथे। इकंर मांस के मांग बजार म सरलग रहिथे। उपसंचालक के बताती एक बटेर 7 हफ्ता म ही अंडा देना शुरु कर देथे अउ इकंर जीवनकाल 2 साल के होथे। ये अपन जीवनकाल म 400 ले 500 अण्डा देथे।

बटेर म बीमारी के खतरा घलोक बतेच कम पाए जाथे। ये मन जल्दी बीमार नइ होवयं अऊ न ही ए मन ल वेक्सीनेशन के जरूरत परय। इकंर मांस कुकरी के हिसाब ले जादा महंगा बेंचाथे। जबकि एकर पालन कम जगा म ही करे जा सकथे जेखर से एकर लागत तको कम आथे।

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