छत्तीसगढ़ी लोककला अउ संस्कृति ल सहेजे बर प्रदेश सरकार के अहम फैसला

अब छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के बैनर तले फलही-फूलही प्रदेश के कला-संस्कृति
कैबिनेट ह छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के गठन ल दीस मंजूरी

रायपुर, 15 जुलाई 2020। छत्तीसगढ़ के लोककला अऊ संस्कृति ल सहेजे, संवारे अऊ ओला आगू बढ़ाए बर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशा के मुताबिक छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के गठन के प्रक्रिया शुरू हो गए हे। राज्य निर्माण के 20 साल बाद छत्तीसगढ़ के कला, संगीत, भाषाई विकास बर एके छत के नीचे अब एकजइ उदीम हो पाही। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के अध्यक्षता म मंगल के आयोजित कैबिनेट के बैठक म छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के गठन के विधिवत फैसला लेहे गए हे। ये परिषद के अंतर्गत संस्कृति विभाग के जम्‍मो इकाइ मन ल एकरूप करे जाही।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कहिन के छत्तीसगढ़ राज्य गठन होए के पहिली छत्तीसगढ़ म सबो सांस्कृतिक गतिविधि मन भोपाल ले संचालित होत रहिस। राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ी ल राजभाषा के दर्जा मिलीस। बहुत अकन संस्था मन घलोक स्थापित करे गीस, फेर ओमां आपसी तालमेल के अभाव रहिस। ए सब के परिणाम ये रहिस के सांस्कृतिक विकास के दिशा म जतका ताकत के संग प्रयास होए चाही रहिस, ओ अब तक हो नइ पाइस। उमन कहिन के उंखर सरकार ह छत्तीसगढ़ के संस्कृति म गर्व के अनुभूति जगाए के दिशा म शुरु ले ही काम करे हे। छत्तीसगढ़ के महिला मन के पर्व तीजा, किसान मन के पर्व हरेली अऊ गोवर्धन पूजा जइसे तिहार म अवकाश के न सिरिफ घोषणा करे गीस, भलुक ए तिहार मन ल अपन निवास कार्यालय ले मनाए के परंपरा के शुरुआत करे गीस। गोंड़ी, हल्बी भाखा म पाठ्य पुस्तक तियार करके स्कूल मन म पढ़ाई शुरू करे के निर्णय लेहे गीस। खान-पान के संस्कृति ल संरक्षित करे बर सबो जिला मन म गढ़कलेवा के स्थापना के निर्णय ले गीस। फेर ए सबके बावजूद ए तमाम गतिविधि मन ल संगठित रूप म संचालित करे के जरूरत हे, ताकि एके दिशा म संगठित रूप ले काम हो सकय, ए खातिर एक पूरा मंच के रूप म छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के गठन के निर्णय ले गए हे।

मुख्यमंत्री ह कहिन हे के छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के मुख्य काम राज्य म साहित्य, संगीत, नृत्य, रंगमंच, चित्र अउ मूर्तिकला, सिनेमा अऊ आदिवासी अउ लोककला मन ल प्रोत्साहन अउ ओ मन ल संरक्षण देना होही। एखर बर परिषद सांस्कृतिक विरासत मन के पहिचान, ओखर संरक्षण अउ संवर्धन करही। सृजनशील संस्कृति बर मंच, कला-संग्रहालय, वीथिका के विकास, प्रदेश म राष्ट्रीय स्तर के मंच के स्थापना के संगेच कई प्रकार के आयोजन करही। सांस्कृतिक संस्था मन ल सहयोग अउ प्रोत्साहन, सृजनकर्मी मन ल सम्मान अऊ प्रोत्साहन, उत्कृष्ट सिनेमा निर्माण अउ प्रचार संबंधी काम करही।

प्रदेश म छत्तीसगढ़ी संस्कृति परिषद के जरिये जऊन एक अऊ महत्वपूर्ण काम होही, वो राष्ट्रीय स्तर के लब्ध प्रतिष्ठित कला, संस्कृति अऊ शिक्षण ले जुड़े संस्था मन ले छत्तीसगढ़ के जीवंत संवाद स्थापित करना होही। प्रदेश के संस्कृति नीति के मुताबिक स्कूली, उच्‍च शिक्षा संग आन शासकीय विभाग मन ले सामंजस्य स्थापित करके संस्कृति ल बढ़ावा देहे जाही। साहित्यिक-सामाजिक विषय मन म शोध अऊ सृजन म प्रोत्साहन अऊ सहयोग दे जाही। संस्कृतिकर्मि मन व संस्था मन ल कई विधा मन बर देहे जाने वाला फैलोशिप, पुरस्कार के संयोजन परिषद कोति ले करे जाही। छत्तीसगढ़ संस्कृति परिषद के अंतर्गत साहित्य अकादमी, कला अकादमी, आदिवासी लोक कला अकादमी, छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम, छत्तीसगढ़ सिंधी अकादमी, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग काम करही।

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