आदिवासी मन के पारंपरिक आभूषण पुतरी, सुता, ऐठी, पोलकी मनखे मन ल लोभलोभावत हे

रायपुर, छत्तीसगढ़ अपन स्थापना के 22 साल पूरा कर चुके हे। ये आदिवासी बाहुल्य राज्य म आदिवासी संस्कृति, सभ्यता अऊ कला हमेशा ले ही मनखे मन बर आकर्षण के केन्द्र रहे हे। मनखे मन आदिवासी मन के रहन-सहन, जीवनशैली अऊ ऊंखर पहनावा के संग पारंपरिक आभूषण मन ल लेके रूचि दिखात रहिथें। अइसनहेच आदिम जाति अऊ अनुसूचित जाति विकास विभाग कोति ले आयोजित विकास प्रदर्शनी म आदिवासि मन के पारंपरिक आभूषण जइसे पुतरी, सुता, ऐठी, पोलकी आदि देखे ल मिलत हे। ये विकास प्रदर्शनी छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर…

भारत के समृद्ध लोक नृत्य-संगीत के परम्परा के नायाब उदाहरण महाराष्ट्र के सोंगी मुखौटा नृत्य

रायपुर, महाराष्ट्र के सोंगी मुखौटा नृत्य भारत के समृद्ध लोक नृत्य-संगीत के परम्परा के नायाब उदाहरण हे। ये मुखौटा नृत्य चौत्र मास के पूर्णिमा म देवी के पूजा के संग महाराष्ट्र म करे जाथे। असत्य म सत्य के विजय के ये नृत्य म दू कलाकार नरसिंह रूप धारण करके नृत्य करथें। महाराष्ट्र म होली के बाद ये उत्सव मनाए जाथे।

बिना बाजा के लोक नृत्य माकू हिमीशी, रोमन विजेता मन के जइसे टोप पहिरे नागा लोक कलाकार मन ह दीन शानदार प्रस्तुति

रायपुर, बिना बाजा के घलोक नागालैंड के लोक कलाकार मन ह युद्ध के बाद विजय ले लहुटत सेना के अपूर्व उत्साह के प्रदर्शन करथे। छत्तीसगढ़ म जइसे गौर नृत्य होथे वइसनहे नागालैंड म शिकार या लड़ाई म सफलता मिले म जश्न इही लोकनृत्य के माध्यम ले मनाए जाथे। ये मां अपन पारंपरिक अस्त्र शस्त्र ले सजे पुरुष जीत के अभिव्यक्ति लोक नृत्य के माध्यम ले करथें। ऊंखर परिवार के महिला मन उंखर उत्साह बढ़ाए स्वागत म नृत्य करथें अऊ चारों कोति उत्साह के वातावरण बन जाथे।

महोत्सव म महाराष्ट्र के नर्तक दल धनगरी ग़ज़ा नामक लोक नृत्य करिन

रायपुर, ध्वज छत्र ये नृत्य के मुख्य आकर्षण रहिस। ये नृत्‍य म हाथी के चले जइसे स्वरूप म नृत्‍य करे जाथे, जेमां छोटे लइका ले लेके सिान तक सामिल होथें।

हरूल- हाथी के सुसज्जित प्रतिकृति म बइठे मनखे संग नाच

रायपुर, मूड़ म केतली रखके मूड़ी म आगी लगाके चाय बनाए के प्रदर्शन। अर्ध चंद्राकर गोला म रहिके हारुल नृत्य करे जाथे। हारुल अर्थात भगवान श्री गणेश के उपासना नृत्य म करे जाथे।

मध्यप्रदेश म घलोक होथे गेड़ी नृत्य, ये मां हमार पंथी के जइसे ही बनाथें पिरामिड

रायपुर, मध्यप्रदेश म घलोक होथे गेड़ी नृत्य, ये मां हमार पंथी के जइसे ही बनाथें पिरामिड। अद्भुत संतुलन के संग लोक कलाकार मन एक के ऊपर एक चढ़के पिरामिड बनात गीन अऊ ये संतुलन थेरकेच देर म सध गीस।

नगाड़ा बजाके विधानसभा अध्यक्ष अउ मुख्यमंत्री ह करिन तीसर आदिवासी राष्ट्रीय महोत्सव के शुभारंभ

रायपुर, रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान म राज्योत्सव 2022 के अवसर म तीसर राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के रंगारंग आगाज काली होइस। विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत अउ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह आज भिनसरहा 11.30 बजे आदिवासी परपंरा के मुताबिक नगाड़ा बजाके नृत्य महोत्सव के शुभारंभ करिन। एखर पहिली उमन छत्तीसगढ़ महतारी के फोटू म दीया बारिन अउ छत्तीसगढ़ राजकीय गीत अरपा पैरी के धार के संग कार्यक्रम के शुभारंभ करिन। महोत्सव म उमन आदिवासी महोत्सव के सुंदर स्मृति मन ले सुसज्जित कॉफी टेबल बुक के विमोचन घलोक करिन।…

केरल राज्य के जनजातीय कलाकार पनिया निरूथम नृत्य लेके मंच म आइन

रायपुर, आदिवासी नृत्‍य महोत्‍सव म काली केरल राज्य के जनजातीय कलाकार पनिया निरूथम नृत्य के प्रस्‍तुति दीन। ये नृत्य पारंपरिक अनुष्ठान उपर आधारित हे। केरल म पनिया के मतलब हे पहला आदिवासी।

गुजरात के सिद्धिगोमा जनजाति के कलाकार मन ह पारंपरिक नृत्य के दीन प्रस्तुति

रायपुर, आदिवासी नृत्‍य महोत्‍सव म काली गुजरात के सिद्धिगोमा जनजाति के कलाकार मन ह पारंपरिक नृत्य के दीन प्रस्तुति दीन। सिद्धिगोमा नृत्य पारंपरिक अउ विवाह अनुष्ठान के अवसर म करे जाथे। ये नृत्य म केवल पुरुष कलाकार ही हिस्सा लेथें। मोर पंख अऊ कौड़ि ले सजे धजे वस्त्र पहिर के सिद्धी आदिवासी मन के हैरतअंगेज प्रस्तुति बरबस ही मनखे मन के ध्यान खींच लेथे। कहे जाथे कि सिद्धि मूलतः अफ्रीका मूल के जनजाति हे जिनला 500 साल पहिली पुर्तगाली मन ह भारत म बसाए रहिन। ये जनजाति मुख्यतः कर्नाटक, गोवा…