राजस्थान के नृत्य-गैर-घूमरा नृत्य

रायपुर, गैर-घूमरा नृत्य आदिवासी भील-मीणा मन के पारंपरिक नृत्य हे जेमां स्त्री अउ पुरुष दुनों हिस्सा लेथें। भीतरी घेरा म जेन महिलां मन नृत्य करथें वो ”घूमरा“कहाथे जबकि ओखर बाहिर पुरुष मन के नृत्य “गैर“ नाम ले जाने जाथे। दुनों घेरा के नर्तक जब वाद्य के लय तेज हो जाथे त अपन पाला बदलत नृत्य करत एक दूसर के घेरा म पहुंच जाथें। ढोल, मादल अऊ झालर ये नृत्य के प्रमुख वाद्य ये।

उड़ीसा ले आए लोक कलाकार मन ह दीन घुड़का नृत्य के प्रस्तुति

रायपुर, आदिवासी महोत्सव अउर राज्योत्सव म उड़ीसा ले आए लोक कलाकार मन ह घुड़का नृत्य के प्रस्तुति दीन। उड़ीसा के घुमंतु जनजाति लकड़ी अऊ चमड़ा ले बने वाद्ययंत्र के संग मनमोहक प्रस्तुति दीन।

बिहाव के बेरा म होथे लद्दाख के बल्की नृत्य

रायपुर, कश्मीर ले कन्याकुमारी तक देश म कई ठन संस्कृति मन के रोचक नृत्य हे। ए सबके जीवंत प्रस्तुति राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव म होवत हे। देश के सबले उंचा हिस्सा लद्दाख ले आये कलाकार मन ह बल्की नृत्य के प्रस्तुति दीन। ये नृत्य लद्दाख म विवाह समारोह के अवसर म करे जाथे।