विटामिन बी -12 ले भरपूर पौधा ‘कैथा‘ विलुप्ति के कगार म कृषि महाविद्यालय कोति ले तियार करे जात हे पौधा

बेमेतरा, कृषि महाविद्यालय अउ अनुसंधान केन्द्र ढोलिया, बेमेतरा म अइसन फल वृ़क्ष प्रजाति मन के ऊपर काम चालू करे जात हे जेन विलुप्ति के कगार म हे। जेखर से किसान मन ल पौष्टिक आहार के रूप म वो फल मिल सकय।
कैत, कैथ या कैथा (लिमोनिया एसिडिसिमा) देखे म बेल के समान अऊ ओखर ले जादा कड़ा आवरण वाला फल ये जेन ल वुड एप्पल या मंकी फ्रूट के नाम ले घलोक जाने जाथे। एखर पेड़ पर्णपाती होथे अऊ भारत के पहाड़ी क्षेत्र अऊ जंगल मन म बहुतायत म पाए जाथे फेर आबादी वाले क्षेत्र मन म एकर संख्या कम होत जात हे। आज ले दू-तीन दशक पहिली कैथा के पेड़ बहुतायत म पाए जात रहिस। विकास के नाम म पेड़ मन के अंधाधुंध कटई अऊ मनखे मन के उपेक्षा ह कैथा ल विलुप्ति के कगार म पहुँचा देहे हे।
कैथा के स्वाद खट्टा अऊ कसैला होथे, जबकि पक्‍का कैथा के गूदा के स्वाद खट्टा-मीठा होथे अऊ एखर बीज गूदा म ही लगे होथे। दक्षिण भारत म कैथा के गूदा ल मिसरी अऊ नरियर के दूध के संग मिलाके खाए जाथे। इंडोनेशिया म कैथा के गूदा म मधुरस म मिलाके भिनसरहा के नाश्ता म खाए जाथे। उहें थाईलैंड म एखर पत्ता ल सलाद म मिलाके खाए जाथे। कैथा के गूदा ले जैम, जेली, शरबत, चॉकलेट, कैंडी, अचार अऊ चटनी घलोक बनाए जाथे। एखर अलावा कैथा के गूदा ल कॉस्मेटिक के घटक के रूप म उपयोग करे जाथे। कैथा के लकड़ी हल्का भूरूवा, कठोर अऊ टिकाऊ होथे, एकर उपयोग इमारती लकड़ी के तौर म घलोक करे जाथे।
सांस्कृतिक महत्वः- कैथा ल संस्कृत म कपित्थ कहे जाथे अऊ गणेश वंदना म ये फल के जिक्र करे जाथे, एखर अनुसार कपित्थ फल गणेशजी के प्रिय फल म ले एक हे।
प्राकृतिक औषधिः- कैथा के पत्ता ले निकाले गए तेल के उपयोग खुजली के उपचार संग आन कई प्रकार के बीमारी मन के इलाज बर औषधि के तौर म सदियों ले करे जात रहे हे। कैथा म अम्ल, विटामिन अऊ खनिज ह लिवर टॉनिक के काम करथे। ये फल रोग प्रतिरोधक क्षमता अऊ पाचन ल अच्छा बनाये रखे म सहायक हे।
मांसाहारी मन बर विटामिन बी-12 के बहुत अकन विकल्प उपलब्‍ध हे, फेर शाकाहारी मन बर बहुतेच कम विकल्प हे, जेमां कैथा विटामिन बी-12 के आपूर्ति बर सबले अच्छा अऊ सस्ता स्त्रोत हे। बीज ले उगाए गए पौधा करीब 5 ले 10 साल म फल देहे लगथे। परती पड़ी जमीन के सदुपयोग करके अकतहा आय के प्राप्ति एकर से करे जा सकत हे। जिहां पानी कम होवय उहां घलो एखर फसल आसानी ले लगाए जा सकत हे। एखर उत्पादन बर जादा खाद-उर्वरक अउ प्रबंधन के जरूरत बहुतेच कम होथे।

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