रूखमणी ठाकुर सात तरिया मन म करत हे मछरी पालन
फुटकर मछरी बेंचईया मन ल घलोक मिलीस रोजगार
रायपुर, मछरी पालन के व्यवसाय ले होवइया फायदा ल देखत धान के खेती करइया किसान मन घलोक अब मछरी पालन व्यवसाय ले सीधा जुड़े लगे हें अऊ स्वरोजगार के संगें-संग आन मनखे मन ल रोजगार देवत हें। चारामा विकासखण्ड के गांव मैनखेड़ा निवासी रूखमणी ठाकुर ह अपन 16 एकड़ खेत म 07 तरिया खोदवाए हे, जेमां वो ह मछरी पालन करत हे, जेखर से ओ ल हर बछर एकड़ पीछू करीबन 01 लाख 25 हजार रूपिया तक के शुद्ध आमदनी होवत हे।
रूखमणी ठाकुर ह बताइस कि वो ह पहिली अपन खेत म धान के खेती करत रहिस, जेमां लागत अऊ मिहनत दुनों बहुत लगत रहिस अऊ फायदा घलोक जादा नइ होत रहिस। जब वो ह मछरी पालन ले होवइया फायदा मन के बारे म सुनिस अऊ तरिया खोदवाए बर शासकीय मदद मिले के जानकारी वोला मिलिस, त ओ ह प्रेरित होके शासन के योजना अंतर्गत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना ले ढाई एकड़ खेत म तरिया बनवाइस, जेमां ओ ल मछरी पालन विभाग ले 02 लाख 80 हजार रूपिया के अनुदान देहे गीस। मछरीपालन म होए लाभ ल देखत वो ह अऊ तरिया बनाए के निर्णय लीस अऊ 06 अकतहा तरिया के खोदवईस। अभी हाल म सबो तरिया म कतला, रोहू, मृगल, कामनकार, रूपचंदा अऊ तेलपिया मछरी के करीबन ढाई लाख बीज डारेर पालन करत हे, संगेच 13 हजार नग मुर्गी के पालन घलोक करत हे। वोकर बताती मुर्गी के बीट अऊ मुर्गी खाद ल तरिया म डालके मछरी दाना के रूप म उपयोग करत हे, जेखर से मछरी के बढ़वार अच्छा होवत हे।
रूखमणी ठाकुर ह बताइस कि वो ह हर बछर 30 टन तक मछरी के उत्पादन करत हे, जेखर से ओ ल धान फसल के तुलना म जादा फायदा होवत हे। वोकर उत्पादित मछरी के विक्रय ले 20 ले 25 फुटकर मछरी बेचइया मन ल घलोक रोजगार मिलत हे। मछरी पालन ले होएवइया फायदा ल देखत क्षेत्र के आन 10 ले 15 किसान घलोक वोखर से प्रेरणा लेके अपन धनहा खेत ल तरिया बनाके मछरी पालन के काम करत हें, जेखर से उंखर घलोक आर्थिक स्थिति म सुधार होवत हे।