बड़का खबर : छत्तीसगढ़ के लोक कला मन के संरक्षण अऊ संवर्द्धन बर गठित होही- राज्य लोक कला परिषद

रायपुर, राज्य सरकार कोति ले छत्तीसगढ़ के गौरवशाली अऊ समृद्ध संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन बर ’राज्य लोक कला परिषद’ के गठन के निर्णय ले गए हे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ह परिषद के गठन के प्रस्ताव ल स्वीकृति प्रदान कर दिए हें। ये परिषद एक स्वायत्तशासी इकाई के रूप म काम करही। मुख्यमंत्री ह राज्य लोक कला परिषद के गठन के प्रस्ताव ल स्वीकृति प्रदान करत मुख्य सचिव ल जरूरी कार्यवाही के निर्देश दिए हें।

राज्य लोक कला परिषद लोक कला ले संबंधित साहित्य ल संकलित करके प्रकाशित करे के काम करही संगेच राज्य म काम करत सबो प्रकार के लोककला मंडली मन के सूची तियार करके ओखर पंजीयन कराए अऊ मंडली मन ल वाद्य यंत्र अऊ आन जरूरी सामान उपलब्‍ध कराए संबंधी काम करही। ये परिषद नियमित रूप ले विकासखण्ड स्तरीय, जिला स्तरीय अऊ राज्य स्तरीय प्रतिस्पर्धा के आयोजन, उत्कृष्ट कलाकार मन ल मानदेय देवाए संबंधी काम, लोक कला मन के प्रशिक्षण बर संस्थान मन के स्थापना अऊ आन राज्य मन के लोक कला मन के राज्य के लोक कला मन ले आदान-प्रदान सुनिश्चित करे के काम करही।

राज्य लोक कला परिषद कोति ले आधुनिक प्रचार माध्यम के सहायता ले लोक कला मन के प्रचार-प्रसार, राज्य के पुरातात्विक अऊ सांस्कृतिक धरोहर वाले स्थान मन म वार्षिक महोत्सव के आयोजन, लोक कला मन के संरक्षण संवर्धन बर शासन ल सुझाव देहे के काम घलोक करही। मुख्यमंत्री ह राज्य लोक कला परिषद के गठन के प्रस्ताव ल स्वीकृति प्रदान करत अधिकारी मन ल ये सुनिश्चित करे के निर्देश दिए हें कि परिषद के प्रशासनिक व्यवस्था अइसन रखे जाय कि लोक कला जगत म उत्कृष्ट काम करइया अऊ लोक कला के क्षेत्र म जुड़े मनखे ल आवश्यकतानुसार संख्या म परिषद म सामिल करे जा सकय।

मुख्यमंत्री ह कहिन कि छत्तीसगढ़ के समृद्ध संस्कृति के परम्परा सदियों ले चले आत हे। जमीन ले जुड़े अउ माटी के सुगन्ध अऊ संस्कृति ले सराबोर ल बचाए रखना हमर जवाबदारी हे। लोक कला व संस्कृति म अपनत्व के भावना रहिथे। लोक कला मन केवल मनोरंजन के साधन मात्र नइ हे, बल्कि एमां इतिहास, विज्ञान, अऊ जीवन के सार-गर्भिता के घलोक दर्शन होथे। सामाजिक सौहाद्र, सांस्कृतिक चेतना ल बनाए रखे के संगेच समाज ल जागृत करे के काम लोक कला मन के माध्यम ले ही संभव हे। काबर कि ये हमार जीवन ले जुड़े हे जेखर सेती एकर संरक्षण करे जाना जरूरी हे। अभी हाल समय म कलाकार मनल संरक्षण के अभाव म नवा पीढ़ी लोक संस्कृति ले अनजान हे या विमुख होत जात हे। लोक कला मन हमर धरोहर अऊ अस्मिता ये। इकंर रक्षा बर हर संभव उदीम करे जाना जरूरी हे। राज्य के समृद्ध संस्कृति के संरक्षण अऊ संवर्द्धन के महत्व ल देखत राज्य लोक कला परिषद के गठन के निर्णय ले गए हे। ये परिषद स्वायत्तशासी इकाई के रूप म काम करही।

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