आज एक वीडियो अड़बड़ वायरल होइस। वीडियो म एक मनखे गांव वाले मन ल समझात दिखत हे। वो कहत हे के मैं टीका लगवाये हंव, मैं मर गएंव का, तुमन टीका लगवाये हव, तुमन मर गएव का? अभी ज़िंदगी बचाय के बस इही तरीका हे कि टीका लगवाव…।
ये बात वो छत्तीसगढ़ी म कहत दिखत हे। एखर से प्रशासनिक अधिकारी मन के दुख ल समझे जा सकत हे, जेन गाँव वाले मन ल टीका लगवाए बर गांव-गांव भटकत हें। एति गांव वाले मन टीका के विरोध करत हें।
https://youtu.be/D00wP2BTnAs
ये हे महासमुंद के तहसीलदार मूलचंद चोपड़ा
आज के ये वीडियो ए मायने म बहुत खास हे के ए वीडियो ह गांव वाले मन म एक भरोसा जगाए हे। अइसन रोसहा गोठियात कोनो ह गांव वाले मन ल नइ समझाये हें। तहसीलदार के रोस के पीछू, गांव वाले मन के जीव बचाय के जज्बा हे।
ये समझ नइ आवत हे के वैक्सीनेशन ल लेके गांव वालों म, आखिर अतका विरोध आखिर काबर हे? कोन हे, जेन गाँव वाले मन ल भड़कावत हें के वैक्सीनेशन नइ करवाना हे?
एक कोती शहर म वैक्सीनेशन बर भीड़ लगे हे अऊ दुसर कोती गांव हे जिहां अधिकारी मन वैक्सीन लेले के घूमत हें अऊ गांव वाले भगत हें।
अइसन अफसर, प्रशासनिक टीम अऊ कार्यकर्ता मन ल नमन हे, जेन दिन-रात गांव-गांव भटकत हें के टीकाकरण सफल होवय।
~ यशवंत गोहिल के फेसबुक पोस्ट के छत्तीसगढ़ी अनुवाद