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साधु मनखे रहिन चंदूलाल जी, हमेशा छत्तीसगढ़ियापन बनाये रखिन

– मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कोलिहापुरी गांव म स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर के 25वां पुण्यतिथि म दीन संबोधन
– गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू अउ वरिष्ठ पत्रकार श्री वेदप्रताप वैदिक ह घलोक कार्यक्रम म करिन शिरकत
– श्री वैदिक ह कहिन कि जइसन गांधी राष्ट्रपिता, वइसनेच चंदूलाल जी छत्तीसगढ़ पिता
दुर्ग, 02 फरवरी 2020। स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर के 25वां पुण्यतिथि अउ 100वां जयंती के अवसर म आयोजित कार्यक्रम म कोलिहापुरी म श्री चंद्राकर के पुण्य स्मरण करे गीस। ए अवसर म आयोजित कार्यक्रम म मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कहिन कि स्वर्गीय चंदूलाल चंद्राकर ऋषि परंपरा के मनखे रहिन। ऊंखर आशीर्वाद अऊ मार्गदर्शन म ही अब तक हमन ह ये रद्दा तय करे हन। ओ मन 96 देश मन म घूमिन फेर अपन ठेठ छत्तीसगढ़ीपन नइ छोड़िन। भिनसरहा के दतवन नइ छोड़िन। बटकर के साग अऊ जिमीकंद के आनंद ल नइ छोड़िन। उंखर उपलब्धि रहिस फेर उंखर शालीनता अइसन रहिस कि कभू एकर चर्चा नइ करत रहिन। बीएसपी के रेल मिल, गंगरेल बांध जइसे कई उपलब्धिय मन म उंखर योगदान हे। मुख्यमंत्री ह कहिन कि उंखर सार्वजनिक उपलब्धि ल हमन सब जानतेच हवन उंखर से जुड़े कतकोन सुरता हे। ओ मन आधुनिक कृषि के बात ओ समय करत रहिन जब मनखे एखर बारे म सुने ले घलोक चकरा जात रहिन। ए क्षेत्र म फल अऊ सब्जी के उत्पादन म जऊन वृद्धि होए हे ओमें उंखर सोच के बड़ योगदान हे। मनखे मन ले ओ मन हमेशा जुड़े रहय अऊ छोटे बड़े सबो ले पत्र व्यवहार करत रहय। आखरी दिन मन म जब मैं उंखर से मिले ल पहुंचेंव त ओ मन बेरला के एक नाई ल पत्र लिखत रहिन। जब नाम सुरता नइ आइस त उमन लिख दीन बेरला के प्रसिद्ध नाई ल पत्र मिले। ये पत्र पहुंच घलोक गीस काबर के चंद्राकर जी बेरला म हमेसा ओखर तीर बइठे रहयं। मुख्यमंत्री ह कहिन कि नवा रायपुर म सबो चउंक चउराहा मन म छत्तीसगढ़ के विभूति मन के प्रतिमा लगाए जाही। संगेच पाठ्यक्रम म घलोक इकर जीवनी पढ़ाये जाही। ए मौका म गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ह घलोक अपन सुरता साझा करिन। उमन कहिन कि अंजोरा म आयोजित कृषि मेला अंचल म कृषि के विकास बर मील के पत्थर साबित होय हे। छत्तीसगढ़ के निर्माण बर संघर्ष करे के संगेच प्रदेश के बहुत अकन उपलब्धि मन म उंखर जबर मेहनत रहिस। ए मौका म विधायक श्री अरुण वोरा, पूर्व विधायक श्री प्रदीप चौबे, महापौर श्री धीरज बाकलीवाल संग आन जनप्रतिनिधि उपस्थित रहिन।

दिल्ली के दिन के सुरता साझा करिन वैदिक –  ए मौका म आए वरिष्ठ पत्रकार श्री वेदप्रताप वैदिक ह श्री चंद्राकर के संग अपन दिल्ली के सुरता ल साझा करिन। उमन बताइन कि जब श्री चंद्राकर हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक रहिन तब मैं ह नवभारत टाइम्स के संपादक रहेंव अऊ जयप्रकाश भारती नंदन के संपादक रहिन। बहादुरशाह मार्ग म रोज मुलाकात होत रहिस अऊ ए मुलाकात मन म मै ह जानेंव कि कतका सहज शालीन अऊ सबो ल संग म रखके चले के व्यक्तित्व श्री चंद्राकर के रहिस। ओ मन भारतीय लोकतंत्र के शान रहिन। उंखर चरित्र उज्ज्वल रहिस। ओ मन साधु जइसे रहिन। मास्को जइसे शहर म घलोक उमन शराब नइ पीन, मांसाहार नइ करिन, अइसन मनखे दुर्लभ होथें। मोला तो लागथे कि जइसन गांधी राष्ट्रपिता रहिन वइसनहे चंदूलाल जी छत्तीसगढ़ पिता। मोला लागथे कि ऊंखर सम्मान म बड़का प्रतिमा नवा रायपुर म स्थापित करे जाय ताकि अवइया पीढ़ी ओ मन ल जादा जाने बार प्रेरित हो सकयं। श्री वैदिक ह मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के प्रशंसा घलोक करिन। उमन कहिन कि जब ओ मन चंदूलाल जी के आखरी यात्रा म हिस्सा लेहे छत्तीसगढ़ पहुंचिन त श्री बघेल ही ह ओ मन ल लेहे पहुंचे रहिन। उंखर शालीनता अऊ विनम्रता ओ मन ल बड़का बनाथे। मोला विश्वास हे कि ऊंखर नेतृत्व म छत्तीसगढ़ तेजी से विकसित राज्य के रूप म उभरही।

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