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रासायनिक कीटनाशक के सस्ता अऊ बेहतर विकल्प हे गोमूत्र कीटनाशक

अब तक 1627 लीटर गोमूत्र के खरीदी, बने लगिस जैविक उत्पाद
योजना ले मिलीस आजीविका के नवा जरिया

बिलासपुर, छत्तीसगढ़ सरकार कोति ले राज्य म कृषि के लागत ल कम करे, विष रहित खाद्यान्न के उत्पादन अऊ जैविक खेती ल बढ़ावा देहे के सरलग सार्थक पहल करे जात हे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के विशेष पहल म 28 जुलाई हरेली परब ले गोठान मन म गोमूत्र के खरीदी 4 रूपिया प्रति लीटर के दर ले करे जात हे। रासायनिक कीटनाशक मन के खेती म कम उपयोग करे के उद्देश्य ले गोमूत्र खरीदी के प्रभावी योजना शुरू करे गीस। ये योजना ले मनखे मन ल आजीविका के जरिया मिल गे। जिला के दू गोठान शिवतराई अऊ पौंसरी म घलोक चार रूपिया प्रति लीटर के दर ले अब तक 1627 लीटर गोमूत्र खरीदी होए हे।

गोमूत्र कीटनाशक बाजार म मिलइया पेस्टीसाइड के बेहतर अऊ सस्ता विकल्प हे। एखर रोग प्रतिरोधक क्षमता रासायनिक कीटनाशक ले कई गुना जादा हे। विकासखण्ड कोटा के शिवतराई गोठान म मां महामाया स्व सहायता समूह के 16 महिला मन गोमूत्र ले जीवामृत वृद्धिवर्द्धक अऊ ब्रम्हास्त्र कीटनाशक बनावत हें। महिला मन ह इहां जीवामृत 700 लीटर अऊ ब्रम्हास्त्र 100 लीटर बना डरे हें। अइसनहे विकासखण्ड बिल्हा के पौंसरी गोठान म श्रद्धा स्व सहायता समूह के 10 महिला मन गोमूत्र ले कीटनाशक बनाए म जुटे हें। उमन अब तक 30 लीटर ब्रम्हास्त्र कीट नियंत्रक बना डरे हें। जीवामृत 30 रूपिया लीटर के दर ले अऊ ब्रम्हास्त्र 40 रूपिया लीटर के दर ले विक्रय करे जात हे। समूह के महिला मन के कहना हे कि अभी तक हम केवल गोबर अऊ ओखर ले बने उत्पाद के बिक्री करत रहेन, फेर अब गोमूत्र के उपयोग करके आय के नवा स्त्रोत के सृजन होए हे। जीवामृत के छिड़काव ले पौधा म वृद्धि होही। अइसनहे नीम, धतूरा, बेसरम, ऑक, अऊ सीताफल अऊ गोमूत्र के मिश्रण ले ब्रम्हास्त्र बनाए जात हे। एकर परयोग खेत मन म कीटनाशक के रूप म करे जात हे।

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