इही ल कहिथें असली समस्या ले मुंह लुका के खुश होना : आम बजट बर कहिन श्री भूपेश बघेल

बजट 2020 म छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के प्रतिक्रिया

रायपुर, 01 फरवरी 2020। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह केन्द्रीय वित्त मंत्री कोति ले आज संसद म पेश होए साल 2020-21 के बजट उपर प्रतिक्रिया व्यक्त करत कहिन कि ये बजट शुतुरमुर्ग प्रवृत्ति के हे जऊन मूलभूत समस्या मन ले मुंह लुका के खुश होना चाहत हे। ये समय देश म मांग के कमी हे, जेकर सेती देश मंदी कोति जात हे अऊ एखर असल म जनता के जेब म पइसा के कमी हे। फेर वित्त मंत्री ह जनता तक पइसा पहुंचाए के कोनो इंतजाम नइ करे हे।

मुख्यमंत्री ह कहिन कि बजट म मनखे मन के क्रय क्षमता बढ़ाए बर कोनो नीति नइ हे। मंदी के दुष्चक्र ले निकलना मुश्किल हे। ये बजट ले जी.डी.पी. बढ़ोतरी, रोजगार वृद्धि सम्भव नइ हे। सूक्ष्म, छोटे अऊ मध्यम उद्योग अऊ फूड प्रोसेसिंग इकाई मन ल बढ़ावा देहे अऊ एथेनॉल के उत्पादन ल प्रोत्साहित करे बर कोनो उपाय नइ करे गए हे। बजट म रोजगार, युवा अऊ मध्यम वर्ग बर कोनो घलोक ठोस प्रावधान नइ करे गए हे, जेखर से कोनो उम्मीद बंधत होवय। केन्द्र सरकार रेल्वे, भारतीय जीवन बीमा निगम जइसे सार्वजनिक उपक्रम मन के निजीकरण करत हे, एखर से देश म बेरोजगारी अऊ जादा बाढ़ही। आयकर के नवा स्लैब घोषित करे हें, फेर ये मां विकल्प के प्रावधान देके आयकर दाता, नौकरीपेशा अऊ मध्यम वर्ग ल उलझा दे गए हे। किसान मन के आय दुगुना करे अऊ फाइव ट्रिलियन डालर के अर्थव्यवस्था के सपना दूर-दूर तक पूरा होथे नइ दिखत ये।

ये बजट जनता के संग बड़का छलावा हे। बजट म बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी जइसे प्रमुख समस्या मन के अनदेखी करे गए हे। मनखे मन के जेब म पैसा नइ हे, एखर से देश म समान मन के मांग घटत जात हे। जुन्ना स्मार्ट सिटी के कोनो अता-पता नइ हे अऊ पीपीपी मॉडल म नवा स्मार्ट सिटी बनाए के बात कहे जात हे। रोजगार कइसे पैदा होही, मोदी सरकार बेरोजगारी के मसला ल कइसे दूर करही। ये बजट आंकड़ा मन के मकड़जाल ये ताकि आन मुद्दा ले ध्यान भटकाया जा सकय। दू घंटा 40 मिनट के बजट म कुछू ठोस नइ रहिस। छत्तीसगढ़ ल तको कुछ नइ दे गीस।

श्री बघेल ह कहिन कि केन्द्र सरकार ह किसान मन के आय साल 2022 तक दुगुना करे के कहत हे, फेर बजट म कोनो विशेष उपाय नइ करे गए हे। किसान मन ल फसल के सुरक्षा अऊ जादा उत्पादन ठउका करे बर तकनीकी मदद के जरूरत हे। किसान पीड़ित हे, फेर उंखर उपज बर एमएसपी सुनिश्चित करे बर घलोक कुछू नइ हे। जऊन कुछ दे गए हे, वो कृषि उड़ान हे, जऊन केवल कुछ बड़े किसान मन ल फायदा पहुचाही। सोला सूत्रीय कार्यक्रम कोनो छोटे किसान मन के मदद करे वाला नइ हे। बजट म देहे गए लक्ष्य मन ल पाए बर कोनो विशेष विचार या कार्य योजना नइ हे। भारत के दू सबले बड़े समस्या- अर्थव्यवस्था म बेरोजगारी अऊ मंदी के घलोक बजट म उल्लेख नइ करे गए हे। ऑटो सेक्टर, उद्योग क्षेत्र बर कोनो राहत नइ हे। योजना मन के कार्यान्वयन म कोनो स्पष्टता नइ हे।

हम तो लम्बा समय ले रायपुर एयरपोर्ट ल अपग्रेड करे के माँग करत रहेन। तीन मॉडल सेन्ट्रल ला के पालन करे के सलाह राज्य मन ल दिए गए हे। ये मां राज्य मन के का स्थिति हे, का आधारभूत जरूरत हे, ये बात बिलकुल छूटे हे। उमन कहिन कि नवा शिक्षा नीति 2015 ले बनत हे अऊ अभी घलोक शीघ्र नीति घोषित करे के बात करत हें। अतीक समय म तो तीन बैच इंजीनियरिंग के पूरा हो गए हे। जी.एस.टी. के सेती छत्तीसगढ़ जइसे राज्य मन ल भारी नुकसान उठाना पड़त हे। ये चौकीदार सरकार नहीं जेबकतरी सरकार हे। कुल मिलाके जनता के मन अउ संउख ले खिलवाड़ करे हे।

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