बिलासपुर, 19 मार्च, 2020। दुराचार ले गर्भवती होए 11 साल 10 महिना के दुराचार के पीड़िता के अभिभावक कोति ले गर्भ गिराए के अनुमति बर पेश याचिका म मेडिकल रिपोट आए म शासन ह पीड़िता अउ ओखर लइका के पूरा जिम्मेदारी अपन ऊपर लेहे हे। अब सरकार आजीवन दुनों के खरचा वहन करही।
जानबा हे के बालोद जिला निवासी 11 साल 10 महिना के पीड़िता दुराचार के बाद गर्भवती हो गए रहिस। ए बात के जानकारी होए म थाना म रिपोट दर्ज कराए के संग पीड़िता के अभिभावक ह एमटीपी एक्ट 2971 के तहत 27 हफ्ता के ठहरे गर्भ ल गिराए के अनुमति मांगे रहिस। पाछू 16 मार्च के जस्टिस पी सेम कोशी ह सुनवाई म मेडिकल कालेज रायपुर के डीन ल हुकुम देके स्त्रीरोग विशेषज्ञ के टीम ले प्रतिवेदन मांगे रहिन। विशेषज्ञ डॉ नलीनी मिश्रा अउ डॉ रुचि किशोर के टीम ह जांच के बाद अपन रिपोर्ट अउ राय दीन। रिपोट म कहे गए हे के एमटीपी एक्ट 1971 के तहत गर्भपात बर 20 हफ्ता के समय निरधारित हे, निरधारित समय ले बहुत जादा होए के सेती गर्भ ल जारी रखे या गर्भपात करे, दुनों स्थिति म पीड़िता के जान के जोखम हे। ये बात ल धियान म राखत कोर्ट के निर्देश अऊ अभिभावक के सहमति ले गर्भपात कराए जा सकत हे।
सुनवाई के बेरा म महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ह कोर्ट म शासन कोति ले कहिन कि शासन ह ए मामला ल असाधारण माने हे। अऊ अब पीड़िता अउ ओखर लइका के गहन चिकित्सा संग दुनों के इलाज के पूरा खरचा आजीवन शासन वहन करही।