छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक सौंदर्य, पर्यटन, ऐतिहासिक अउ पौराणिक धरोहर मन ल विश्व मानचित्र म लाने के जरूरत: मुख्यमंत्री दाउ भूपेश बघेल

रइपुर, 26 जुलाई 2021 सम्मार। मुख्यमंत्री दाउ भूपेश बघेल ह कहीन कि प्राकृतिक सौंदर्य ले भरे छत्तीसगढ़ जंगल, पहाड़, नदियां ले तोपाए प्रदेश हवय । इहां 44 प्रतिशत जंगल, बारहमासी नदियां, बांध, सुंदर झरना, ऐतिहासिक अउ पौराणिक धरोहर विद्यमान हे। ये मन ल सहेजे अउ विश्व मानचित्र म लाने के आवश्यकता हे। भगवान श्री राम ह अपन वनवास काल के सबले जादा बेरा छत्तीसगढ़ म बिताए हवय। चंदखुरी स्थित माता कौशल्या के मंदिर, तालाब अउ पूरा परिसर के सौंदर्यीकरण कराये जावत हे। शिवरीनारायण ल पर्यटन के दृष्टि ले विकसित करे जावत हे। छत्तीसगढ़ के सिरपुर म दस वर्ग किलोमीटर म जु्न्ना बौद्ध विहार, बौद्धकालीन मूर्ति अउ भवन के अवशेष हवय। ये सब ल पर्यटन के दृष्टि ले विकसित करे के जरूरत हवय।
मुख्यमंत्री दाउ भूपेश बघेल आज छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष श्रीमती चित्ररेखा साहू अउ सदस्य द्वय श्री नरेश ठाकुर अउ श्री निखिल द्विवेदी के पदभार ग्रहण कार्यक्रम ल सम्बोधित करत पर्यटन मण्डल के नवनियुक्त पदाधिकारीमन ल बधई अउ शुभकामना देवत कहीन कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न अंचल मन म रहइया विशेष पिछड़ी जनजाति पण्डो, बैगा, कमार, अबूझमाड़िया के जीवन शैली के बारे म लोगन जानना अउ समझना चाहथे। एकर बर हम ल इन इलाका मन म पर्यटक मन बर सुविधा विकसित करे के जरूरत हे। चित्रकूट वाटर फॉल, सरगुजा जिला के रामगढ़ पहाड़ी मन म स्थित पांच हजार वर्ष पहिली के जुन्ना नाट्यशाला, कुटुमसर गुफा के उल्लेख करत पर्यटन के दृष्टि ले छत्तीसगढ़ अबड़े समृद्ध राज्य हे। छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के ये दायित्व हे कि वोह राज्य के पर्यटन स्थल मन ल सहेजे अउ संवारे के संगे-संग पर्यटक मन बर ये जगा मन म सुविधा विकसित करैं। पर्यटन के विकास ले राज्य म रोजगार तको बाढ़ही।
ये बेरा म छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव ह कहीन कि मुख्यमंत्री दाउ भूपेश बघेल ह राज्य म लोककला अउ संस्कृति ल बढ़ावा दीन हवय। उन मन आदिवासी कला अउ संस्कृति ल विश्व मंच म लाने अउ भगवान श्री राम वन गमन पथ ल पर्यटन स्थल के रूप म विकसित करे के मुख्यमंत्री दाउ भूपेश बघेल के उदीम ल सहिराइस अउ कहीन कि छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल ‘अतिथि देवो भवः‘ के सिद्धांत म बूता करही।

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