छत्तीसगढ़ ह वन अधिकार के मान्यता देहे म देश म अगुवा : राज्य म 4 लाख 41 हजार ले जादा व्यक्तिगत अऊ 46 हजार ले जादा सामुदायिक वन अधिकार पत्र बांटे गीस

  • अब तक एक लाख 49 हजार 762 हितग्राही जमीन समतलीकरण अऊ मेढ़ बंधान ले लाभान्वित
  • 41 हजार ले जादा हितग्राही मन के 11 हजार हेक्टेयर ले जादा जमीन म सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध

रायपुर, 06 अक्‍टूबर 2020। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के सियानी म छत्तीसगढ़ पूरा देश म व्यक्तिगत अऊ सामुदायिक वन अधिकार के मान्यता देहे के मामला अगुवा हे। प्रदेश म अब तक के 4 लाख 41 हजार ले जादा व्यक्तिगत अऊ 46 हजार ले जादा सामुदायिक वनाधिकार अनुसूचित जनजाति अऊ आन परम्परागत वनवासी मन ल देहे गए हे। ये प्रकार ले व्यक्तिगत अऊ सामुदायिक वन अधिकार म कुल 51 लाख 06 हजार एकड़ ले जादा व्यक्तिगत अऊ सामुदायिक वन अधिकार ल स्थानीय समुदाय मन ल बांटे गए हे। राज्य म प्रति मनखे वन अधिकार पत्र धारक ल औसतन 1 हेक्टेयर वनभूमि के मान्यता प्रदान देहे गए हे, जऊन तुलनात्मक रूप ले देश भर म बेहतर स्थिति म हे।

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 151 जयंती 2 अकटूबर के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह अपन निवास कार्यालय म आयोजित कार्यक्रम म विडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम ले 5 लाख हेक्टेयर ले जादा क्षेत्र के करीबन 13 सौ सामुदायिक वन संसाधन संरक्षण अधिकार पत्र बांटे रहिन। राज्य म सामुदायिक वन संसाधन अधिकार ल ग्राम सभा मन ले देहे गए हे। छत्तीसगढ़ राज्य म बांटे गए 4 लाख 41 हजार ले जादा व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र के रकबा 9 लाख 41 हजार 800 एकड़ ले जादा हे। अइसनहे 46 हजार ले जादा सामुदायिक वन अधिकार पत्र के रकबा 41 लाख 64 हजार 700 एकड़ ले जादा हे।

जानबा हे के प्रदेश म पहली पइत राज्य सरकार कोति ले जनवरी 2019 के बाद सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के 23 प्रकरण म 26 हजार हेक्टेयर वन भूमि म ग्राम सभा मन ल प्रबंधन के अधिकार के मान्यता देहे गए हे। व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता प्राप्त हितग्राही मन ल केवन वन अधिकार पत्र भर नइ सौपे गे भलुक उंखर मान्य वन भुमि म शासकीय योजना के कन्वर्जेंस ले सिचिाई सुविधा, खाद-बीज , कृषि उपकरण घलोक उपलब्‍ध कराए जात हे।

प्रदेश म अब तक एक लाख 49 हजार 762 हितग्राही जमीन समतलीकरण अऊ मेढ़ बंधान काम ले लाभान्वित होए हें। इंकर जमीन के रकबा 58 हजार हेक्टेयर ले जादा हे। वन अधिकार मान्यता पवइया हितग्राही के जमीन म समतलीकरण अऊ मेढ़ बंधान काम कराए गए हे। ओ मन ल खाद्य-बीज अऊ कृषि उपकरण घलोक उपलब्‍ध कराए गए हे।

राज्य म 41 हजार ले जादा हितग्राही मन ल 11 हजार हेक्टेयर ले जादा जमीन म सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराए गए हे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 95 हजार ले जादा गांव वाले मन ल आवास मिले हे अऊ 2 लाख ले जादा हितग्राही मन ल किसान सम्मान निधि देहे गए हे। सिंचाई सुविधा उपलब्‍ध कराए गए हे जेखर से उंखर जमीन के फसल उत्पादन क्षमता बाढ़े हे अऊ आजीविका म स्थायित्व के संग आमदनी म घलोक बढ़ोतरी होए हे। वन अधिकार पत्र धारक मन के खेत मन के मेढ़ म गढ्डा कराके फलदार अऊ वनोपज के पौधा लगाए जात हे।

वन अधिकार अधिनियम के प्रावधान अनुसूचित जनजाति अऊ आन परम्परागत वन निवासी परिवार मन ल ऊंखर अधिकार, स्वावलंबन अऊ सम्मान के जीवन देवाए बर हे। सामुदायिक वन अधिकार के अंतर्गत निस्तार, लघु वनोपज के मालिकाना, मछली अऊ जल निकाय के उत्पाद म उपयोग के अधिकार, चराई, विशेष रूप कमजोर जनजाति समूह अऊ कृषि पूर्व समुदाय के पर्यावास के अधिकार दे गए हे। एखर तहत पहिली सितंबर महिना तक 9 लाख 74 हजार 635 हेक्टेयर वन क्षेत्र म 14 हजार 970 सामुदायिक वन अधिकार पत्र देहे गए गे हे। एखर ले अकतहा सामुदायिक वन अधिकार के अंतर्गत सामुदायिक वन संसाधन के संरक्षण, पुनर्जीवन अऊ प्रबंधन के अधिकार घलोक दे गए हे। वन क्षेत्र म ग्राम सभा ह वन, वन्य प्राणी अऊ जैव विविधता के संरक्षण, विकास अऊ प्रबंधन बर वन विभाग के मार्गदर्शन म प्रबंधन योजना तियार करके क्रियान्वित करे जाही। एखर से वन के संरक्षण, विकास अऊ गांव वाले मन के आजीविका बर संसाधन मन के उपलब्धता सुनिश्चित हो सकही। अइसनहे सितंबर महिना तक 81 हजार 358 हेक्टेयर वन क्षेत्र म 97 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र देहे जात हे।

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