- कोरोना काल म ग्रामीण अर्थव्यवस्था के संजीवनी बनिस मनरेगा, प्रदेश म पउर साल रिकॉर्ड 30.6 लाख परिवार मन के 60.19 लाख श्रमिक मन ल मिले रहिस काम
- कोरोना काल म प्रदेश लहुटे अड़बड़ झन प्रवासी श्रमिक मन ल घलोक मनरेगा ले तुरंते मिलिस रोजगार, गांव लहुटतेच रोजी-रोटी के व्यवस्था होइस
- आज 16 साल के होइस ‘मनरेगा’, प्रदेश म 2 फरवरी 2006 के राजनांदगांव के अर्जुनी ले होए रहिस शुभारंभ
रायपुर, कोरोना काल म ग्रामीण अर्थव्यवस्था के संजीवनी बने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) ह आज अपन क्रियान्वयन के 16 साल पूरा कर डरिस। ये योजना के माध्यम ले पाछू 16 बछर म प्रदेश के श्रमिक मन के हाथ म 25 हजार 463 करोड़ 66 लाख रूपिया पहुंचाए गए हे। ये दौरान राज्य म कुल 185 करोड़ 26 लाख मानव दिवस ले जादा के रोजगार सृजित करे गए हे। छत्तीसगढ़ म कोरोना काल के समय पाछू दू बछर म ही 30 करोड़ छै लाख मानव दिवस रोजगार के सृजन करे गए हे। मनरेगा म पउर साल रिकॉर्ड 30 लाख छह हजार परिवार के 60 लाख 19 हजार श्रमिक मन ल काम मिले रहिस। एखर एवज म श्रमिक मन ल अब तक के सबले जादा 3493 करोड़ 34 लाख रूपिया के मजदूरी भुगतान करे गए रहिस। चालू वित्तीय साल 2021-22 म घलोक अब तक दस महीना म (अप्रैल-2021 ले जनवरी-2022 तक) 26 लाख 28 हजार परिवार मन के 49 लाख 28 हजार श्रमिक मन ल रोजगार प्रदान करके 2228 करोड़ 16 लाख रूपिया के मजदूरी भुगतान करे गए हे।