छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन: बाढ़त डिमांड के चलते किसान लेवत हे रागी के खेती करे म रूचि

छत्तीसगढ़ म सुरू करे गए मिले किसान के सारथक परिनाम देखे ब मिलत हे।किसान अब धान के खेती के बड़का रागी ऊ कोदो, कुटकी के खेती करे म आकरसित होवत हे। बेमेतरा जिला म लगभग 500 हेक्टेयर म किसान ह पहीली बार धान के बदला रागी के फसल लीए हे।
छत्तीसगढ़ देश के इकलौता राज्य हे, जिहां कोदो, कुटकी अउ रागी के समर्थन मूल्य म खरीदी अउ एकर वैल्यू एडिशन के काम तको करे जाथ हे। कोदो-कुटकी के समर्थन मूल्य म 3000 प्रति क्विंटल के दर ले अउ रागी के खरीदी 3377 रूपिया प्रति क्विंटल के दर ले खरीदी करे जाथ हे।अउ संग म धान के बदला आने फसल लेहे वाले किसान मन ल रहिन गांधी किसान न्‍याय योजना म इनपुट सब्सिडी घलो दिए जाथ हे। राज्य सरकार ह धान के बदला खरीफ के आने फसल के संग संग उद्यानिकी के फसल लेहे म 10 हजार रूपिया प्रति एकड़ के मान से इनपुट सब्सिडी उपलब्ध करात हे।

बेमेतरा म किसान लेवत हे पहिली बार रागी के फसल
विकासखण्ड बेमेतरा के ग्राम जिया निवासी श्री घनश्याम वर्मा अपन 5 एकड़ खेत म बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत रागी फसल के खेती करत हे अउ बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत बीज निगम पथर्रा म पंजीकृत हे। जिला म पहिली के साल मन म मिलेट अंतर्गत रागी फसल के रकबा निरंक रहिस हे लेकिं ए बछर राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत जिला म पहली बार 550 हेक्टेयर म रागी फसल के खेती करे गईस हे अउ प्रमाणित बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत् किसान के पंजीयन तको कराय गय हे। ए प्रकार प्रमाणित रागी बीज के उपलब्धता ले जिला ल आत्मनिर्भर बनाए अउ रागी फसल के रकबा म वृद्धि करे के प्रयास करे गय हे।

रागी के बाढ़त हे मांग
पोषक तत्व के कारण मिलेट अनाज के सरलग मांग ह बाढ़त जाथ हे। ए मांग ह अचानक ले बाढ़त हे। बाढ़त मांग ल देखत हुए किसान मन तको ए फसल ल उपजात हे। रागी, जेकर दूसर नाम मडुआ घलो हे।

लउछरहा..