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छत्तीसगढ़ लघु वनोपज मन के संग्रहण म देश म पहिली नम्बर म

रायपुर, 02 जुलाई 2020/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के सियानी अउ वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के बताए रद्दा म राज्य म लघु वनोपज के संग्रहण के आंकड़ा दिनों-दिन बाढ़त जात हे। एकरे सेती देश म चालू सीजन के म वनोपज मन के संग्रहण के मामला म छत्तीसगढ़ सरलग पहिली नम्बर म बने हे। छत्तीसगढ़ म बीते छै महीना म 104 करोड़ रुपिया के के लगभग डेढ़ लाख कुंटल लघु वनोपज के संग्रहण हो गए हे, जे चालू सीजन म देश म अब तक संग्रहित कुल लघु वनोपज मन के 73.71 प्रतिशत हे। ये तरा ले छत्तीसगढ़ म 100 करोड़ रुपिया ले जादा के राशि के लघु वनोपज के वार्षिक संग्रहण लक्ष्य ला छै महीना पहलीच मतलब छै महीनेच म हासिल कर लेहे गए हे, जे ह राज्य बर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हे।

वन मंत्री श्री अकबर के बताती वर्तमान म राज्य सरकार कोति ले वनवासी ग्रामीण मन के हित ला ध्यान म रखत लघु वनोपज मन के संख्या जेला सरकार बिसाथे तेला बढ़ाके अब 31 तक कर देहे गए हे। एखर पहिली प्रदेश म वर्ष 2015 ले 2018 तक मात्र सात वनोपज भर के समर्थन मूल्य म खरीदी करे जात रिहिस। ये संबंध म प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी हा बताइस के राज्य म चालू वर्ष म न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत संग्रहित लघु वनोपज म इमली (बीज सुद्धा), पुवाड़ (चरोटा), महुआ फूल (सूखा), बहेड़ा, हर्रा, कालमेघ, धवई फूल (सूखा), नागरमोथा, इमली फूल, करंज बीज अउ शहद शामिल हे । एखर अलावा बेल गुदा, आंवला (बीज रहित), रंगीनी लाख, कुसुमी लाख, फुल झाडु, चिरौंजी गुठली, कुल्लू गोंद, महुआ बीज, कौंच बीज, जामुन बीज (सूखा), बायबडिंग, साल बीज, गिलोय तथा भेलवा लघु वनोपज घलव एमे शामिल हे। संगे हालेच म वन तुलसी बीज, वन जीरा बीज, ईमली बीज, बहेड़ा कचरिया, हर्रा कचरिया अउ नीम बीज ला घलव शामिल करे गए हावे।

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री संजय शुक्ला हा बताइस के राज्य म 3 हजार 500 गांव् अउ 866 हाट बाजार म महिला स्व-सहायता समूह मन के माध्यम ले लघु वनोपज के समर्थन मूल्य म क्रय करे के व्यवस्था करे गए हे। अइसनहे राज्य म लघु वनोपज के प्राथमिक प्रसंस्करण कार्य बर 139 वन धन केन्द्र स्थापित करे गए हे। राज्य म चालू सीजन के दौरान अब तक लघु वनोपज म 61 करोड़ रूपिया के राशि के 3 लाख 4 हजार 242 कुंटल साल बीज अउ 20 करोड़ रूपिया के राशि के 63 हजार 676 कुंटल ईमली (बीज सहित) का संग्रहण हो गए हे। अइसनहे 8 करोड़ रुपिया के राशि के 28 हजार 158 कुंटल महुआ फूल (सूखा), 87 लाख रूपिया के राशि के 5 हजार 107 कुंटल बहेड़ा, 70 लाख रुपिया के राशि के 5 हजार कुंटल पुवाड (चरोटा) के संग्रहण करे गे हे।

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