छत्तीसगढ़ी भाखा अऊ संस्कृति ल आगू बढ़ाए म साहित्यकार अऊ भाषाविद मन के महत्वपूर्ण योगदान: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

छत्तीसगढ़ी साहित्यकार अऊ भाषाविद् होइन सम्मानित

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह आज अपन निवास कार्यालय म छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर म छत्तीसगढ़ी साहित्यकार अऊ भाषाविद मन के सम्मान समारोह ल सम्बोधित करत कहिन कि छत्तीसगढ़ी भाखा अऊ संस्कृति, हमर अस्मिता अऊ पहिचान ये। छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के पीछू अपन इही अस्मिता अऊ पहिचान ल बनाए रखे के ललक रहिस। मुख्यमंत्री ह कहिन कि बीते तीन साल म छत्तीसगढ़ के कला, संस्कृति अऊ भाखा ल सरलग बढ़ावा देहे जात हे, ये मां छत्तीसगढ़ी साहित्यकार अऊ भाषाविद मन के महत्वपूर्ण योगदान हे। मुख्यमंत्री ह ये बेरा म छत्तीसगढ़ी राजभाषा के 19 साहित्यकार अऊ भाषाविद मन ल राज गमछा अऊ प्रशस्ति पत्र भेंट करके सम्मानित करिन अऊ ओ मन ल बधाई अऊ शुभकामना दीन। सम्मान समारोह के अध्यक्षता संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ह करिन।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कहिन कि राज्य निर्माण के बाद घलोक छत्तीसगढ़ी भाखा अऊ संस्कृति ल बचाएं रखे बर जइसन काम होना चाही रहिस, वइसन काम नइ हो पाए रहिस। छत्तीसगढ़ी राजभाषा जरूर बन गीस, फेर छत्तीसगढ़ी बोले अऊ लिखे ल लेके हिचक दूर नइ होए रहिस। बीते तीन बछर म स्थिति बदले हे, अब मंत्रालय ले लेके बड़े-बड़े प्रतिष्ठान अऊ सार्वजनिक कार्यक्रम मन म छत्तीसगढ़ी बोले जात हे। साल 2019 म अरपा-पैरी के धार… हमर राजगीत बनिस। स्कूल मन म अब छत्तीसगढ़ी अऊ स्थानीय बोली म पढ़ाई शुरू हो गे हे।
मुख्यमंत्री ह कहिन कि हमर सरकार ह छत्तीसगढ़ी भाखा अऊ संस्कृति के गौरव ल फेर से स्थापित करे के काम करे हे। छत्तीसगढ़ के तीज तिहार म अवकाश देके हमन मनखे मन म छत्तीसगढ़ी संस्कृति ल लेके आत्म गौरव ल जगाए हवन। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ल ये मौका म साहित्यकार अऊ भाषाविद मन ह महात्मा फुले समता पुरस्कार ले सम्मानित होए के गौरवपूर्ण उपलब्धि बर बधाई अऊ शुभकामना दीन। मुख्यमंत्री ह कहिन कि ओ मन ल मिले महात्मा फुले समता पुरस्कार सही म छत्तीसगढ़ के सम्मान ये। मुख्यमंत्री ह ये मौका म महात्मा ज्योतिबा फुले के व्यक्तित्व अऊ कृतित्व के उल्लेख करत कहिन कि उमन समाज के वंचित, पीड़ित अऊ तिरस्कृत मनखे मन ल जीवन के रद्दा देखाईन अऊ ओ मन ल समाज म सम्मान देवाईन। महात्मा फुले आजीवन समाज म समानता के स्थापना बर काम करिन। वो महान समाज सुधारक रहिन। अइसन महापुरूष के नाम म ओ मन ल सम्मान के मिलना, छत्तीसगढ़ बर गौरव के बात हे।
संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ह ये बेरा म कहिन कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह छत्तीसगढ़ अऊ छत्तीसगढ़िया मनखे मन के स्वाभिमान ल जगाए हे। हमर भाखा, संस्कृति अऊ परम्परा ल मुख्यमंत्री के उदीम ले एक नवा पहिचान मिले हे। उमन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के उल्लेख करिन अऊ कहिन कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के पहल म छत्तीसगढ़ के फिल्म नीति बने हे। कलाकार मन ल आगू बढ़ाए के सरलग उदीम करे जात हे। राष्ट्रीय अऊ अंतर्राष्ट्रीय स्तर म पुरस्कृत छत्तीसगढ़ी फिल्म मन बर एक करोड़ अऊ 5 करोड़ रूपिया के पुरस्कार के प्रावधान करे गए हे। संस्कृति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी. ह कहिन कि आज राजभाषा दिवस के उपलक्ष्य म संगोष्ठी के आयोजन करे गीस, जेमां छत्तीसगढ़ी भाखा ल आगू बढ़ाए के संबंध म साहित्यकार अऊ भाषाविद मन ह गहन विचार-विमर्श करिन।
ये मौका म वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. बिहारी लाल साहू, श्री हर प्रसाद निडर, डॉ. अनुसुईया अग्रवाल, डॉ. सुरेश देशमुख, श्री पुनूराम साहू, श्री अरूण निगम, डॉ. कुसुम माधुरी टोप्पो, श्री गिरवरदास मानिकपुरी, श्री रमेश विश्वहार, श्री बंधु राजेश्वर खरे, श्री श्याम वर्मा, श्री गुलाल वर्मा, डॉ. दीनदयाल साहू , श्री संदीप अखिल, श्री नवीन देवांगन ,सुश्री लता राठौर, डॉ. सुधीर पाठक, सुश्री जयमति कश्यप अऊ श्रीमती तृप्ति सोनी ल सम्मानित करे गीस। कार्यक्रम के संचालन साहित्यकार श्री विजय मिश्रा ह करिस । ये बेरा म संचालक संस्कृति अऊ पुरातत्व श्री विवेक आचार्य, छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के सचिव श्री अनिल भतपहरी संग आन गणमान्य मनखे उपस्थित रहिन।

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