रायपुर, 27 जनवरी 2021। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध लोक पर्व छेरछेरा के बधाई देवत प्रदेशवासी मन के खुशहाली, सुख, समृद्धि के कामना करे हें। श्री बघेल ह छेरछेरा पर्व के पूर्व संध्या म जारी अपन शुभकामना संदेश म कहे हें के नवा फसल के घर आए के खुशी म महादान अऊ फसल उत्सव के रूप म पूस महिना के पुन्नी के छेरछेरा पुन्नी तिहार मनाए जाथे। ये तिहार हमर समाजिक समरसता, समृद्ध दानशीलता के गौरवशाली परम्परा के संवाहक हे। ये दिन ‘छेरssछेरा, माई कोठी के धान ल हेरssहेरा‘ बोलत गांव के लइका, युवा अऊ महिला संगठन कोठार अऊ घर मन म जाके धान अऊ भेंट स्वरूप मिले पइसा ल सकेलथें अऊ सकेले धान अऊ पईसा ल रामकोठी म रखथें अऊ एकर से साल भर बर अपन कार्यक्रम बनाथें।
मुख्यमंत्री ह कहिन के छत्तीसगढ़ के किसान अड़बड़ उदार होथे। किसान मन के उपजाए फसल केवल ओखरे भर बर नहीं भलुक समाज के अभाव म जीयत जरूरतमंद मनखे, कामगार अऊ पशु-पक्षी मन बर घलोक काम आथे। पौराणिक मान्यता के मुताबिक आजे के दिन भगवान शंकर ह माता अन्नपूर्णा ले भिक्षा मांगे रहिस, आजेच मां शाकम्भरी जयंती तको हे। एकरे सेती मनखे धान के संग साग-भाजी, फल के दान घलोक करथें। मान्यता हे के रतनपुर के राजा छै महिना के प्रवास के बाद रतनपुर लहुटे रहिन। उंखर आवभगत म प्रजा ल दान देहे गए रहिस। छेरछेरा के बेरा म धान मिसाई के काम आखरी चरण म होथे। ये दिन छोटे-बड़े सबो मनखे घर कोठार म जाके धान अऊ धन सकेलथें। ये उदीम ले सकलाए धान अऊ धन ल गांव के विकास कार्यक्रम म लगाय के परम्परा रहे हे। छेरछेरा के दूसर पहलू आध्यात्मिक घलोक हे, ये बड़े-छोटे के भेदभाव अऊ अहंकार के भावना ल खतम करथे। मुख्यमंत्री ह कहिन के अभी हाल के बेरा म कुपोषण समाज के बहुत बड़का समस्या हे। कुपोषण दूर करे बर सरकार के संग समाज अऊ मनखे मन के भागीदारी जरूरी हे। अपन जुन्ना गौरवशाली परम्परा ल आगू बढ़ात लइका मन के स्वस्थ, कुपोषण मुक्त, सुखद भविष्य बर सहयोग करव।