आर्थिक अऊ सामाजिक मजबूती बर मनखे-मनखे एक समान के आदर्श म चलना होही: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह हार्वर्ड विश्वविद्यालय म ‘लोकतान्त्रिक भारत म जाति अऊ राजनीति’ विसय म दीन व्याख्यान

रायपुर, 16 फरवरी 2020। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज हार्वर्ड विश्वविद्यालय के भारत सम्मेलन म सामिल होइन। श्री बघेल उहां ‘लोकतान्त्रिक भारत म जाति अऊ राजनीति’ विसय म आयोजित चर्चा म सामिल होइन। उमन अपन उद्बोधन म कहिन कि कोनो देश के भूगोल ओ देश के अर्थव्यवस्था तय करथे, भूगोल अऊ अर्थव्यवस्था उहां के राजनीति अऊ ये तीनों मिलके इतिहास बनाथे अऊ ये सब ओ देश के संस्कृति तय करथे। हमला जाति अऊ राजनीति ल घलोक इही परिपेक्ष्य म देखना चाही। भारत म जाति अऊ राजनीति परंपरा ले दू बिन्दु म निरधारित करथे। जाति उत्पादन के साधन अऊ अधिकार, दूसरा सम्मान पूर्वक जीए के गौरव, उहें राजनीति आर्थिक सुरक्षा अऊ सांस्कृतिक उत्थान निरधारित घलोक करथे अऊ प्रभावित घलोक करथे।

छत्तीसगढ़ एक उदाहरण हे जेमां बहुत अकन जाति मन संगें-संग रहिथे अऊ छत्तीसगढ़ के विकास म अपन योगदान देहे हें। संत, महापुरूष मन के प्रभाव घलोक ये मां परे हे। हमार छत्तीसगढ़ म संत कबीर के प्रभाव, गुरू घासीदास जी, स्‍वामी आत्मानंद जी के प्रभाव रहे हे। गुरू घासीदास जी ह कहिन रहिन मनखे-मनखे एक समान। ये बात आप मन छत्तीसगढ़ म देख सकत हव। इहां कोनो प्रकार के भेदभाव नइ हे। इहां जाति व्यवस्था हे फेर जाति वैमनस्यता कहूं देखे ल नइ मिलही। ये छत्तीसगढ़ के खासियत हे। जाति मन ल जब तक राजनीति म बहुत प्रतिनिधित्व, उंखर जनसंख्या के आधार म प्रजातंत्र म ऊंखर अधिकार सुरक्षित नइ करे जाही तब तक हम उत्पादन के अधिकार अऊ गौरवपूर्ण नागरिकता ल लक्षित नइ कर पावन। ए खातिर हम बाबा साहब अम्बेडकर के देखाय रद्दा म चलके मजबूत राष्ट्र बना सकत हन। जाति मन के आर्थिक अऊ सामाजिक मजबूती बर मनखे-मनखे एक समान के आदर्श ल बढ़ाना परही। प्रज्ञा, करूणा अऊ मैत्री के आधार म सामाजिक सरोकार ल बढ़ाना होही। गांव के स्वालंबन ल गांधी जी के बताए रद्दा म चलके लाना होही। समृद्व राष्ट्र अऊ सम्मानित समाज के निर्माण करना होही।

मुख्यमंत्री ह अपन उद्बोधन स्‍वामी विवेकानंद जी के ओ वाक्य ले करिन जेमां उमन कहिन रहिन -‘मैं ओ देश के प्रतिनिधि आंव, जऊन हर मनुष्य म ईश्वर ल देखे के परंपरा ल जन्म देहे के साहस करे रहिस अऊ जीव म ही शिव हे अऊ ओखर सेवा म ही ईश्वर के सेवा हे।’

मुख्यमंत्री ह उद्बोधन के बाद हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ता मन कोति ले पूछे गए सवाल मन के घलोक जबाव दीन। उमन कहिन कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था ल मजबूती प्रदान करे बर नरवा, गरवा, घुरवा अऊ बारी योजना चलाए जात हे। महिला अऊ लइका मन म एनीमिया अऊ कुपोषण ले मुक्ति बर सुपोषण अभियान अउ ग्रामीण हॉट बजार अऊ शहरी स्लम इलाका मन म चलित चिकित्सालय के बेहतर परिणाम सामने आए हे। किसान मन के कर्जमाफी, 2500 रूपिया प्रति क्विंटल म धान खरीदी अऊ छोटे वनोपज के समर्थन मूल्य म खरीदी ले किसान मन अऊ वनवासि मन के क्रय शक्ति बाढ़े हे। छत्तीसगढ़ सरकार मेहनतकश किसान मन ल ऊंखर उत्पादन के सही दाम प्रदान करे के संग उंखर सम्मान ल बढ़ाए हे। आज प्रदेश के किसान मन के चेहरा मे कोनो प्रकार के सिकन नइ हे। विश्वव्यापी मंदी के बावजूद छत्तीसगढ़ एखर से अछूता रहे हे। राज्य सरकार खेती ल लाभकारी बनावत हे जेखर से ये साल डेढ़ लाख जादा किसान मन अपन पंजीयन कराए हें। नक्सलवाद उपर पूछे गे सवाल म मुख्यमंत्री ह कहिन कि ए क्षेत्र मन ले अशिक्षा, गरीबी, भूखमरी अऊ शोषण ल दूर करे ले ये समस्या ले मुक्ति मिल सकही।

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