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जशपुरनगर म मोटरसायकिल गुरूजी बोर्ड बांधके गांव म लइका मन ल जाथे, पढ़ाए

लॉकडाउन के सेती लइका मन स्कूल नइ जा सकत हें, त खुदे स्कूल ह पहुंचत हे लइका मन ती

जशपुरनगर, 17 सितंबर 2020। जशपुर के पैकू गांव म लइका मन लाकडाउन के सेती स्कूल नइ जा सकत हें त खुदे स्कूल ह पहुंचत हे लइका मन तीर। लइका मन ल शिक्षा देहे के अइसन जूनून के एक शिक्षक मोटरसायकिल म वाईट बोर्ड लेके लइका मन ल पढ़ाए आथे। ये कहानी हे विकासखंड जशपुर के ग्राम पैकु के शासकीय प्राथमिक शाला के शिक्षक श्री विरेन्द्र भगत के जऊन कोरोना महामारी के समय घलोक मोटरसायकल म बोर्ड लेके गांव म लइका मन ल पढ़ाए बर आत रहिन। कोरोना महामारी के सेती लाकडाउन के सेती जिहां सबो विद्यालय बंद हो गीस। जेखर सीधा असर लइका मन के पढ़ाई म परत रहिस। उंखर पढ़ाई बंद हो गीस। इहां के लइका मन तीर न स्मार्टफोन रहिस अऊ नइ ही इंटरनेट के सुविधा जेखर से उंखर पढ़ाई जारी रखे जा सके। लइका मन के पालक मन के कहना हे के स्कूल बंद होए के चलते लइका मन दिन भर एती-वोती घूमत रहिन अऊ ओ मन पहिली के पढ़े ल घलोक भूलत जात रहिन। लइका मन के पालक शिक्षक मन ले पूछत रहिन के स्कूल फेर कब खुलही ताकि लइका मन पहिली जइसे स्कूल जाके शिक्षा ग्रहण कर सकयं।

अभिभावक मन के ये समस्या ल देखत शिक्षक विरेन्द्र भगत ह तय करिस के कहूं लइका मन स्कूल नइ आ सकत हें त स्कूले ल लइका मन तक लेके जाए जाय। वो ह एखर बर गांव मन म लइका मन के माता-पिता अऊ स्थानीय जनप्रतिनिधि ले चर्चा करके उंखर से सलाह लीस। गांव वाले कोविड-19 के संक्रमण ल लेके डेराए रहिन, फेर ओ मन लइका मन के पढ़ाई नइ होए ले घलोक चिंतित रहिन। ए खातिर उमन घलोक सहमति दे दीन। ओखर बाद रोजेच शिक्षक विरेन्द्र अपन मोटरसायकल म वाईटबोर्ड लेके गांव म आए लगिस अऊ सुरक्षित स्थान म लइका मन के समूह बनाके उंखर कक्षा लेहे लगिस। ओ ह रोजेच लइका मन के 3 ले 4 कक्षां लेथे। हर समूह म 8-10 लइका होथे जेखर से सोशल डिस्टेंस के पालन हो सकय। लइका मन ल मास्क अऊ साफ-सफाई ले जुड़े चीज घलोक उपलब्‍ध कराए गए हे। संगेच ओ ह लइका अऊ ऊंखर पालक मन ल कोरोना महामारी ले बचाव के संबंध म जरूरी जानकारी घलोक देवत हे। विरेन्द्र एक जगा म कक्षा लेहे के बाद अपन मोटरसायकल म बोर्ड बांधके आन दूसर मोहल्ला म कक्षा लेहे चल देथे। ये प्रकार ओ ह रोजेच आके लइका मन ल अध्यापन करावत हे। विरेन्द्र के कहना हे के छात्र मन ल आनलाईन एजुकेशन ले भले ही शिक्षा देहे जा सकत हे फेर ओ मन ल ठीक प्रकार ले पढ़ाए या समझाए नइ जा सकय। ए खातिर वो ह लइका मन ल शिक्षा देहे बर ये तरीका अपनाए हे।

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