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बेमेतरा : छोटे भास्कर के नवा शुरुआत

बेमेतरा, जिला के ग्राम करंजिया निवासी आठ महिना के भास्कर यादव के जीवन के शुरुआत चुनौती ले भरे रहिस। जनम ले ही ओखर दुनों पांव अंदर कोति मुड़े रहिस, जेन ल चिकित्सकीय भाखा म क्लबफुट कहे जाथे। ये एक जन्मजात विकृति हे, जेखर से लइका के सामान्य चलना-फिरना असंभव हो जाथे। आर्थिक रूप ले सामान्य परिवार ले संबंध रखइया भास्कर के माता-पिता बर ये स्थिति चिंता अऊ पीड़ा के कारण बन गइस।
सितंबर 2024 म राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के अंतर्गत बेमेतरा विकासखण्ड के चिरायु स्वास्थ्य दल ह गांव के आंगनबाड़ी केंद्र म आयोजित स्वास्थ्य परीक्षण शिविर के समय भास्कर के स्थिति के पहिचान करिस। एखर बाद स्वास्थ्य कर्मी मन ह भास्कर के माता-पिता ल चिरायु योजना के तहत मिलइया नि:शुल्क इलाज के जानकारी दीन अऊ ओ मन ल उच्‍च चिकित्सा संस्थान जिला चिकित्सालय पंडरी, रायपुर रेफर करे गीस।
रायपुर म हड्डी रोग के खांटी जानकार के निगरानी म भास्कर के पांव म आठ हफ्ता तक नियमित प्लास्टर चढ़ाए गीस। एखर बाद 22 जनवरी 2025 के टेनोटॉमी नामक शल्य चिकित्सा करे गीस, जेखर से ओखर एड़ी के अकड़े नस ल ढीला करे गीस। ऑपरेशन के बाद भास्कर ल विशेष जूता घलोक प्रदान करे गीस ताकि ओखर इलाज स्थायी रूप ले सफल हो सकय।
आज भास्कर के दुनों पांव पूरा सीधा हे अऊ वो सामान्य लइका मन जइसे चले के दिशा म अग्रसर हे। ये सफलता न केवल चिकित्सा विज्ञान के उपलब्धि हे, बल्कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम अऊ चिरायु योजना के सक्रियता के प्रमाण घलोक हे। नि:शुल्क उपचार अऊ समय म पहिचान ह एक लइका के जीवन ल नवा दिशा देहे हे।

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