धर्मेन्द्र निर्मल के सार समाचार, चुनई जस जस तीर म आवत हे नेतामन के अपन अपन विरोधी मन हुमेलई सिंगियई गजबे बाढ़तेच जावत हे। कोनो हवा बान, कोनो बरसा बान त कोनो अगिन बान छोड़त हावय। इही कड़ी म प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ह नगरनार म एक पइत फेर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उपर गुलेल मारिस। श्री बघेल कहिन कि मोदी के गजब अकन रूप हवय। कभू चायवाला, कभू फकीर, कभू चौकीदार अइसन कईठन रूप हवय। 10 लाख के सूट पहनइया कभू फकीर कइसे हो सकत हे। भूपेश बघेल कहिन कि मोदी ले मै तो सवाल पूछिहौच अउ सवाल पूछई कहूं अपराध हे त हाँ महूँ अपराधी हौ। उन मन कहिन कि आचार संहिता खतम होते साठ गरीब मन ल 35 किलो चाँउर मिलही। आचार संहिता के सेती नवा कारड घलो नई बन पावत हे। खतम होते साठ कारड घलो बन जाही।
चटकारा:-
तम्बूरहा:- सब खड़े खुड़ुद के मैदान मे फोसवा फोसवा बान चलावत हे रागी।
चिकरहा:- असल बान चलाए के बेरा कब आही केशव !
तम्बूरहा:- असल ब्रम्हास्त्र तो जनता जनार्दन तीरन हवय चिकरहा।
चिकरहा:- माने !!
तम्बूरहा:- माने का ? जउन होना हे तउन होना हे
आखिर धनिया तो हमी ल बोना हे रागी भाई !!
मोर सना नना नना नना नना मोहन ………..