बेमेतरा 01 जून 2021 मंगल। निजी क्षेत्र, किसान, शासकीय विभाग अउ ग्राम पंचायत मन के भूमि म इमारती-गैर इमारती प्रजाति के वृक्षारोपण ल प्रोत्साहित करे अउ किसान मन के आय म वृक्षारोपण के माध्यम ले वृद्धि करे के उद्देश्य ले मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना एक जून ले शुरुआत हो गे हे। किसान मन ल धान के बदला गैर वनीय क्षेत्र मन म इमारती-गैर इमारती, फलदार वृक्ष, बांस अउ लघु वनोपज अउ औषधीय पौधा मन के वृक्षारोपण करे म प्रति एकड़ दस हजार रूपिया के प्रोत्साहन राशि देहे जाही। जेन किसान खरीफ बछर 2020 म धान के फसल ले हे, कहूं वो धान के फसल के बदला अपन खेत म वृक्षारोपण करत हे त ओला अवइया तीन बछर तक प्रतिवर्ष दस हजार रूपिया प्रति एकड़ के दर ले प्रोत्साहन राशि देहे जाही । योजना का लाभ लेबर छत्तीसगढ़ के सबो नागरिक निजी भूमि के उपलब्धतानुसार अउ सबो ग्राम पंचायत अउ संयुक्त वन प्रबंधन समितिय पात्र होही। योजनांतर्गत वन अधिकार पत्र प्राप्त भूमि म तको हितग्राही के सहमति ले इमारती, फलदार, बांस, लघुवनोपज अउ औषधीय पौधा मन के रोपण करे जा सकही। योजना के लाभ पाए बर रोपण के छै महीना के भीतर संबंधित वन परिक्षेत्र कार्यालय म पंजीयन करवाना अनिवार्य होही। ग्राम पंचायत अउ संयुक्त वन प्रबंधन समिति तीरन उपलब्ध राशि ले कहूं वाणिज्यिक वृक्षारोपण करे जाही त एक बछर बाद सफल वृक्षारोपण के दशा म संबंधित ग्राम पंचायत अउ संयुक्त वन प्रबंधन समितिय ल शासन कोति ले दस हजार रूपिया प्रति एकड़ के दर ले प्रोत्साहन राशि देहे जाही।
मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना अंतर्गत जउन किसान ह खरीफ 2020 म धान के फसल ले हे अउ न्यूनतम समर्थन मूल्य योजनांतर्गत धान के विक्री करे बर विधिवत पंजीयन करवाए हे अउ धान के विक्रय करे हे, अइसन किसान मन ल धान के बदला अपन खेत म वृक्षारोपण करत ओला तीन बछर तक दस हजार रूपिया प्रति एकड़ प्रतिवर्ष के दर ले प्रोत्साहन राशि देहे जाही। किसान कोति ले करे गे वृक्षारोपण के संग इन्टरक्रॉपिंग म धान ल छोड़के आने फसल ले जा सकही। योजनांतर्गत लाभ पाए बर किसान मन ल निर्धारित समयावधि म संबंधित पोर्टल म पंजीयन कराना अनिवार्य होही । अपंजीकृत किसान मन ल योजनांतर्गत प्रोत्साहन राशि पाए के पात्रता नइ होवय। ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी अउ विहित अधिकारी कोति ले पंजीकृत रकबा के गिरदावरी करके सत्यापन करे जाही। वृक्षारोपण के उपयुक्त प्रजाति चयन के संबंध म उचित परामर्श किसान मन ल आवश्यकतानुसार दिए जाही । योजनांतर्गत निर्धारित राशि प्रति एकड़ के दर ले किसान मन के खाता म डीबीटी के माध्यम ले भुगतान करे जाही।