सुकमा, 19 जुलाई 2020। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मरेलिया मुक्त बस्तर कार्यक्रम ल सफल बनाए बर स्वास्थ्य विभाग के क्षेत्रीय चिकित्सा अधिकारी कर्मचारी मन सरलग काम करत हें। चिकित्सा स्टाफ मन क्षेत्र के दूरिहा अऊ दुर्गम वन क्षेत्र मन म जाके वनवासी मन ले सरलग भेंट करके ऊंखर खून के सेम्पल लेके मलेरिया के जांच करत हें अऊ मनखे मन ल उंखरेच बोली भाखा म ओ मन ल मलेरिया ले बचाव बर सुतत बेरा मच्छरदानी के उपयोग करे, घर के आप-पास पानी ल सकलान नइ देहे, घर के आस-पास सफाई रखे अऊ मच्छर नइ पनपय एखर बर रकम रकम के समझाईश देहे जात हे।
सुकमा जिला के 21 सदस्य के मेडिकल टीम ह जिला के जगरगुंडा क्षेत्र के घोर दूर्गम अउ संवेदनशील गांव तिमापुरम, मोरपल्ली, किस्टाराम, पोलमपाड़, बोड़केल, रावगुड़ा अउर चिंतागुफा के पालामड़गू म घरो-घर जाके मलेरिया जांच करिस अउ पॉजिटिव पाए मनखे मन ल दवा खवा के उपचार घलोक करिन। एखरे संगेच गर्भवती महिला मन के जांच, हिमोग्लोबिन जांच अऊ घर-घर मच्छरदानी हवय के नहीं ये ठउका करे गीस अउ आन मरीज मन के इलाज घलोक करे गीस। कलेक्टर श्री चन्दन कुमार के मार्गदर्शन म खंड चिकित्सा अधिकारी कोन्टा, डॉ कपिल देव कश्यप कि अगुवाई म 21 सदस्यीय टीम ह 3 दिन म करीबन 3000 गांव वाले मन के मलेरिया जांच करिन, जेमां 44 मनखे मलेरिया पॉजिटिव पाए गीस। पॉजिटिव पाए गए मरीज मन के जल्दी उपचार करे गीस अऊ दवा घलोक देहे गीस।
जानबा हे के बस्तर संभाग म मानसून दस्तक दे डरे हे अऊ मानसून के समय मलेरिया फैले के खतरा बाढ़ जाथे। बारिश के सेती जगरगुंडा क्षेत्र के ये गांव मन टापू बन जाथे जेखर से ए गाव मन तक पहुंचना मुमकिन नइ रहय। ए खातिर स्वास्थ्य अमला ह मानसून के जोर पकड़े के पहिलीच ए गाव मन म जाके मलेरिया जांच करके उपचार करिन। स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया वारियर्स मन ह कहूं ट्रेक्टर म बइठके त कहूं पैदल चलके मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के संकल्प ल पूरा करे म अपन योगदान दीन।