बिजली विभाग के अधिकारी मन उपर लगिस लाखों के जुर्माना

सरगुजा, 26 अप्रैल 2024। आपसी रंजिश म मीटर रीडिंग बढ़ाके बिल भेजे अऊ कनेक्शन काटे के मामला म स्थायी लोक अदालत सरगुजा ह CSPDCL के अधिकारी मन ल 9 लाख रुपिया क्षतिपूर्ति देहे के आदेश देहे हे। अधिकारी मन ह बिल भुगतान के 13 साल बाद फेर अकतहा 23 हजार 973 यूनिट के डेढ़ लाख बिजली बिल भेज देहे रहिन। एक किश्त जमा करे के बाद घलोक बिजली कनेक्शन काट दे रहिन। जानकारी के मुताबिक, गोधनपुर निवासी जितेंद्र यादव  के घर म 21 मार्च 2001 के बिजली कनेक्शन लगे रहिस। 21 मार्च 2001 ले 31 दिसंबर 2013 तक ओखर घर के मीटर के कुल रीडिंग 14 हजार 375 यूनिट होय रहिस। जेखर पूरा बिल भुगतान जितेंद्र यादव ह दिसंबर 2013 तक कर दे रहिस। ए बीच ओखर तिर बिजली के बिल आया वोमें 13 साल बाद कुल रीडिंग 14 हजार 375 ले बढ़ाके 38,557 यूनिट कर दे गीस। 13 साल बाद पहिली के भुगतान करे बिल म बिजली विभाग को‍ति ले 23,973 यूनिट के बढ़ोतरी कर दे गीस। ये मां अकतहा रीडिंग के 1 लाख 52 हजार 818 रुपिया बिल भेज दे गीस। जितेंद्र यादव ह रीडिंग सुधार बर 20 मार्च 2014 के आवेदन दीस त पुनरक्षित बिल 25 मार्च के घटाके 1 लाख 14 हजार 730 रुपए कर दे गीस। पुनरक्षित बिल म ले 37 हजार 913 रुपिया के भुगतान घलोक लेहे गीस। एखर बाद 11 अगस्त 2015 के जितेंद्र यादव के घर के कनेक्शन काट दे गीस। जितेंद्र यादव ह सहायक अभियंता विद्युत वितरण कम्पनी मर्यादित ल आवेदन देके मीटर हटाए के आग्रह करे रहिस।

आवेदक जितेंद्र यादव ह फेर नवा कनेक्शन बर आवेदन दीस त ओखर घर म कनेक्शन नइ देहे जात रहिस। अइसन म युवक ह जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम म आवेदन दीस। सुनवाई के बाद आज स्थायी लोक अदालत जन उपयोगी सेवा के अध्यक्ष उर्मिला गुप्ता ह सीएसपीडीसीएल के सहायक अभियंता गांधीनगर अउ मुख्य अभियंता के खिलाफ अपन फैसला दीस। पीठासीन अध्यक्ष गुप्ता ह आवेदक ल मानसिक अऊ आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप म 9 लाख रुपिया 30 दिन के अंदर देहे के आदेश देहे हे। निरधारित समय के बाद 7 प्रतिशत वार्षिक सादा ब्याज घलोक देना होही। फैसला म स्पष्ट रूप ले कहे गए हे कि बाढ़े बिल बर आवेदक उत्तरदायी नइ हे। निर्णय के दू दिन के अंदर आवेदक के घर के कनेक्शन बहाल करे जाए।

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