रायपुर, 08 फरवरी 2024। कृषि लागत अउ मूल्य आयोग के चेयरमेन प्रोफेसर विजय पॉल शर्मा ह कहिन कि दलहन, तिलहन के फसल लेहे ले जमीन के उर्वरा शक्ति बाढ़थे। छत्तीसगढ़ के किसान मन ल धान के अलावा दलहन, तिलहन के खेती करे बर प्रोत्साहित करे के जरूरत हे। उमन कहिन कि किसान मन ल खेती-किसानी करत समय छोटे-छोटे सावधानी बरतना चाही। एकर जरिए कृषि के लागत म कमी लाए जा सकत हे।
कृषि लागत अउ मूल्य आयोग के चेयरमेन प्रोफेसर विजय पॉल शर्मा ह कृषि विभाग अउ कृषि महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान म आयोजित खरीफ विपणन साल 2024-25 के बैठक म कहिन कि सबो किसान मन ल बोनी ले पहिली अपन खेत मन के मिट्टी के जांच कराना चाही। संगेच उच्च गुणवत्ता के प्रमाणित बीज, नैनो यूरिया के परयोग करना चाही। ए सबले कृषि के लागत म कमी करे जा सकत हे। दलहन-तिलहन के खेती ले रासायनिक खाद के उपयोग कम होही अऊ छोटे-छोटे किसान मन ल एकर लाभ मिलही।
कृषि विभाग के संचालक श्रीमती चंदन त्रिपाठी ह बैठक म बताइस कि छत्तीसगढ़ म खरीफ के क्षेत्र 48.08 लाख, रबी के क्षेत्र 18.00 लाख अउ लघु धान्य फसल के क्षेत्र 97.00 हजार हेक्टेयर हे। छत्तीसगढ़ के फसल सघनता 138 प्रतिशत हे। छत्तीसगढ़ म कृषक परिवार के संख्या 40.10 लाख हे। उमन बताइस कि प्रदेश म धान के अलावा आन फसल अउ लघु धान्य फसल के उत्पादन ल बढ़ाए बर किसान मन ल प्रशिक्षण के संग ही किसान सम्मेलन अउ कार्यशाला के घलोक आयोजन करे जात हे।
इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय, रायपुर के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ह फसल विविधीकरण म जोर दीन। उमन प्रदेश के जलवायु अउ भौगोलिक क्षेत्र ल ध्यान म रखत धान के फोर्टिफाईड किस्म अऊ सुगंधित किस्म के फसल लगाय के सुझाव दीन ताकि किसान मन के आय म वृद्धि करे जा सकय। बैठक म केन्द्र सरकार के संयुक्त सचिव डॉ. नवीन प्रकाश सिंह, श्री अनुपम मित्रा संग कृषि लागत अउर मूल्य आयोग सदस्य अउ छत्तीसगढ़ के प्रगतिशील कृषक उपस्थित रहिन।