बदलत दंतेवाड़ाः खुसी ले भरे रहिस दीदि मन के होली

दंतेवाड़ा, बदलाव ही प्रकृति के नियम ये, ये बात ल सच कर दिखात महिला मन अब पारंपरिक रीति-रिवाज के बेड़ी मन ल तोड़ के अब आत्मविश्वास के संग सफलता के कहानी लिखत हें। अइसहे दंतेवाड़ा जिला के महिला मन घलोक अब चूल्हा, चौका, घूंघट ले निकल के रोजगार के क्षेत्र म किस्मत आजमावत हें, संगेच महिला सशक्तिकरण के मिसाल घलोक पेश करत हें। जिला म पाछू पांच साल ले हर्बल गुलाल ल प्रोत्साहन देहे बर कृषि विज्ञान केन्द्र, दंतेवाड़ा ह जिला के स्व-सहायता समूह के महिला मन ल प्रशिक्षण देवत हे। ये रंग प्राकृतिक फूल ले तियार करे जाथे जेमां गुलाल बनाए बर आरारोट पावडर के संग कई ठन रंग बर हमार तीर-तखार के प्राकृतिक रंग के स्त्रोत जइसे हल्दी, सिन्दूर बीज, पालक भाजी, सेम के पत्ती, गेंदा फूल, अपराजिता फूल, पलाश के फूल, कत्था अउ धंवई आदि के उपयोग करे जात हे।
ये साल घलोक कृषि विज्ञान केन्द्र, दंतेवाड़ा कोति ले 03 स्व-सहायता समूह ग्राम कारली ले रानी स्व-सहायता समूह, ग्राम छोटे तुमनार ले जयभैरम स्व-सहायता समूह अउर उर्रेमारा स्व-सहायता समूह के महिला मन ल प्रशिक्षण दे गीस। समूह म करीबन 30-35 दीदि मन जुड़े हें। समूह ह 250 कि.ग्रा. हर्बल गुलाल के उत्पादन करिस। गुलाल ल प्रति किलोग्राम 200 रूपिया म बेचे गीस। गुलाल के बिक्री ले दीदि मन ह 50 हजार रूपिया के मुनाफा कमाइन। समूह कि दीदि मन ल अवइया साल एखर से घलोक जादा आय के आशा हे। ए महिला मन ल देख के क्षेत्र के आन महिला मन घलोक प्रेरित होवत हें अऊ रोजगार ले जुड़त हें अऊ परिवार के सहयोग करत हें आज बदलत समय के संग उमन अपन एक पहिचान बना लेहे हें, शासन प्रशासन के प्रयास ले ग्रामीण क्षेत्र मन म घलोक विशेष रूप ले महिला मन कि स्थिति म काफी सुधार होए हे।

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