दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय म 30 दिन के कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण के होइस समापन

दुर्ग, दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के अंतर्गत पशु चिकित्सा अऊ पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा, दुर्ग म 30 दिन के आवासीय सैद्धांतिक अऊ प्रायोगिक कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण के पहिली चरण 25 मार्च 2022 के पूरा होइस। ये बेरा म विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एन.पी. दक्षिणकर, कुलसचिव डॉ. आर.के. सोनवाने, निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ.आर.पी. तिवारी अऊ कार्यक्रम समन्वयक डॉ.वी.एन. खुणे, डॉ.अमित कुमार गुप्ता, डॉ. यू.एस. तिवारी, विश्वविद्यालय जनसंपर्क अधिकारी डॉ.दिलीप चौधरी अऊ बालोद, दुर्ग अऊ बेमेतरा जिला ले 28 प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहिन। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एन.पी.दक्षिणकर ह उमन ल संबोधित करत कहिन के सबो प्रशिक्षणार्थी प्रायोगिक अऊ सिद्धांत कार्य जइसे वीर्य परीक्षण, वीर्य के गतिशीलता के परीक्षण, पशु मन म दुग्ध उत्पादन क्षमता, ओमां होवइया बीमारी अऊ ऊंखर उपचार आदि तकनीकी संबंधी ज्ञान बढ़ाय म जोर देवव। ये प्रशिक्षण स्वरोजगार के एक अच्छा माध्यम बन सकत हे जेन आपके परिवार के पालन पोषण म सहायक सिद्ध होही। डॉ.आर.पी.तिवारी ह बताइस कि भारत सरकार के गोकुल मिशन योजना अंतर्गत चुने गए सुदूर अंचल ले 28 प्रशिक्षणार्थी मन ह एमा भाग लीन, उमन बताईन के आज घलोक 70% पशुधन म कृत्रिम गर्भाधान नइ हो पात हे उत्कृष्ट श्रेणी के बछिया अऊ नस्ल सुधार बर कृत्रिम गर्भाधान जरूरी हे संगेच देसी सांड मन के बधियाकरण घलोक जरूरी हे। कुलसचिव डॉ.आर.के. सोनवाने ह ये बेरा म बताइस कि ग्रामीण विकास म पशुधन के महत्वपूर्ण भूमिका हे। आखरी म प्रशिक्षणार्थी मन ह ऐ एक महिना जउन सीखीन ते अनुभव ल साझा करिन। दूसर चरण के अंतर्गत 60 दिन के मैदानी प्रायोगिक प्रशिक्षण होही। कार्यक्रम के संचालन अऊ आभार डॉ. अमित गुप्ता ह करिस।

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