बदलत दन्तेवाड़ाः अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस म विशेष पारंपरिक ढेंकी ह महिला मन ल बनाइस आत्मनिर्भर

दंतेवाड़ा, गुजरे दौर म जिला म ढेंकी ले धान कूट के चावल निकाले के परम्परा रहे हे। आप मन जानतेच हव के दन्तेवाड़ा म किसान मन अब अपन खेती के काम म जैविक खाद के उपयोग करत हे अऊ अइसहे इहां धान के खेती होथे जेमां कोनो प्रकार के रासायनिक खाद अऊ दवइ के परयोग नइ करे जात हे।
ढेंकी एक जुन्ना शैली के चावल मिल ये, ये कठोर लकड़ी के बने होथे। जेमां एक कोति पांव ले दबाए जाथे। अऊ दुसर कोति लोहा के एक मूसल लगे होथे। जब धान मन म भार के सेती बल परथे त सोनहा भूसा अलग हो जाथे। पहिली गांव के हर घर म ढेंकी होत रहिस। गांव म बिहनिया-बिहनिया ले ही ढेंकी के ढक-ढक के अवाज होवत रहय, जेखर से गांव के मनखे भिनसरहा उठ के अपन-अपन दैनिक काम मन म लग जात रहिन। ढेंकी ले मिले चावल बहुत स्वादिष्ट अऊ पौष्टिक होथे। अभी हाल म ढेंकी चावल के महानगर म घलोक बनेच मांग हे, जेन ल देखत जिला प्रशासन के मार्गदर्शन म ग्राम पंचायत कटेकल्याण म ढेंकी चावल निर्माण इकाई के शुभारंभ 2022 ले करे गए हे। ये मां अभी हाल म महिला स्व-सहायता समूह के 15 दीदि मन प्रत्यक्ष रूप ले कार्यरत् हें। इहां के ढेंकी कुटाए बर पास के ही गाव मन लाइन से जाथें, जेखर से करीबन 100 ले घलोक जादा महिला मन अप्रत्यक्ष रूप ले लाभान्वित होवत हें। एखर ले अकतहा 90 ले जादा ढेंकी बनके तियार हे, जेखर से अऊ मनखे मन ल रोजगार देहे के प्रयास करे जात हे। ढेंकी चावल तियार करे बर जिला म ही जैविक रूप ले उत्पादित देशज प्रजाति लोक्टीमाची, बासा भोग, गुरमटिया, उमेरिया, चूड़ी धान, पूंसा आदि के उपयोग करे जात हे। कुटाई के बाद चावल के सफाई अऊ पैंकिंग के काम घलोक इही महिला मन ल दे गए हे। जिला म उत्पादित ढेंकी राईस ल डैनेक्स यानी दंतेवाड़ा नेक्सट के ब्रांड के संग बाजार म उतारे जात हे, डैनेक्स दन्तेवाड़ा जिला के अपन ब्राण्ड हे। ढेंकी ले चावल कुटके महिला मन अपन आजीविका ल सुदृढ़ करत हें।

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