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विकास, विश्वास अऊ सुरक्षा हमर प्रमुख नीति : श्री भूपेश बघेल : ‘बस्तर के विकास’ विसय म आयोजित कार्यक्रम म मुख्यमंत्री के सम्बोधन

रायपुर, 25 जनवरी 2020। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ह कहिन हे कि छत्तीसगढ़ के पहिचान पहिली नक्सली घटना के सेती होत रहिस, फेर पाछू एक साल म परिस्थिति बदले हे। एखर पीछू विकास, विश्वास अऊ सुरक्षा हमर प्रमुख नीति हे। उमन कहिन कि लोकतंत्र म हिंसा के कोनो जगा नइ हे। हमन कई वर्ग मन ले बात करे हन। पोलमपल्ली, भोपालपटनम जइसे नक्सली क्षेत्र मन के पीड़ित मन ले बात करके आदिवासी मन के विश्वास जीते हन। जेखर फलस्वरूप पाछू एक साल ले नक्सली वारदात म कमी आए हे। मुख्यमंत्री श्री बघेल ह ये आशय के विचार आज संझा जगदलपुर के कुम्हरावण्ड स्थित कृषि महाविद्यालय के आडिटोरियम म एक निजी समाचार चैनल कोति ले ’बस्तर के विकास’ विसय म आयोजित परिचर्चा म व्यक्त करिन।

मुख्यमंत्री ह कहिन कि सबले पहिली हमन लोहण्डीगुड़ा के किसान मन के जमीन लहुटायेन। एखर बाद शिक्षा म ध्यान देन। जगरगुण्डा म कई बछर ले बंद स्कूल ल फेर शुरू करवाएन। उमन कहिन सड़क बनाना आसान नइ रहिस। स्थानीय मनखे मन के विश्वास जीते के बाद ही ये संभव हो पाइस। मुख्यमंत्री ह कहिन कि हम 22 प्रकार के छोटे वनोपज ल समर्थन मूल्य म खरीदत हन। तेंदूपत्ता 4000 मानक बोरा अऊ धान पच्चीस सौ रूपिया प्रति क्विंटल के हिसाब ले खरीदत हन। हमन जऊन वादा करे हन ओला हर हाल म पूरा करबोन। धान खरीदी के अंतर राशि के भुगतान हम अपन वादा के मुताबिक पच्चीस सौ रूपिया के हिसाब ले करबोन। उमन कहिन कि बाड़ी योजना के तहत हमन सवा लाख किसान मन ल सब्जी के बीज बांटे हन। वोकरे परिणाम हे कि दरभा म ये साल बड़ पैमाना म करेला के उत्पादन होय हे अऊ इहां के करेला बाहिर भेजे ल परे हे।

श्री बघेल ह कहिन कि मैं खुदे किसान अंव, ते खातिर किसान मन के समस्या ल जानथंव। उमन कहिन कि किसान मन ल सुविधा देके अऊ सिंचाई के व्यवस्था करके खेती ल लाभदायक बनाए जाही। एखर से मनखे खेती कोति आकर्षित होहीं। नरवा, घुरवा, गरूआ अऊ बाड़ी ले जैविक खाद ल बढ़ावा देहे जात हे। जैविक खेती होए ले कृषि लागत म कमी आही अऊ बीमारी मन कम होहीं।

कुछ मनखे मन कोति ले बस्तर ले पलायन करके दूसर राज्य मन म बस जाय के संबंध म मुख्यमंत्री ह कहिन कि ओ मन ल अपन जमीन नइ छोड़ना चाही। मुख्यमंत्री ह अइसन सबो मनखे मन ले फेर वापस लहुट आए के अपील करिन। उमन कहिन कि ओ मन अपन जमीन झन छोड़ंय। एखर से ओ मन ल खुद ल घलोक नुकसान होही। उंखर जाति प्रमाण पत्र दूसर राज्य म नइ बनही। कहूं ओ मन वापस आथें, त ओ मन ल वनाधिकार मान्यता पत्र दे जाही अऊ मकान बनाए बर मदद दीए जाही।

बस्तर के औद्योगीकरण के संबंध म मुख्यमंत्री ह कहिन कि हम इहां उद्योग लगाना चाहत हन, फेर अइसन उद्योग नइ लगाना चाहन, जेखर सेती मनखे मन ल विस्थापित होना परय। हम कृषि अऊ वनोंपज उपर आधारित उद्योग लगाना चाहत हन। किसान मन के उत्पाद मन के वैल्यू एडिशन करना चाहत हन। बड़े उद्योग मन म इन्वेस्टमेंट तो बड़ पैमाना म होथे, फेर रोजगार कम मनखे मन ल मिलथे। एखर उलटा छोटे उद्योग मन म लागत कम आथे अऊ जादा मनखे मन ल रोजगार मिलथे। इही खातिर हम अइसन उद्योग मन ल बस्तर म प्रोत्साहित करबोन, जेखर से जादा ले जादा मनखे मन ल रोजगार मिलय। उमन बस्तर के छोटे वनोपज मन के मार्केटिंग अऊ ब्रांडिंग बर मनखे मन ले सुझाव घलोक मांगिन। ये बेरा म विधायक श्री रेखचंद जैन, श्री राजमन बेंजाम, महापौर श्रीमती सफीरा साहू, कलेक्टर डॉ. अय्याज तम्बोली, पुलिस अधीक्षक श्री दीपक झा, श्री राजीव शर्मा संग बड़ी संख्या म मनखे उपस्थित रहिन।

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