देवसेना स्व-सहायता समूह के महिला मन बारी मन म लगात हे मेंहदी के पौधा

बिलासपुर, बिलासपुर जिला के जादा आदिवासी बसइया विकासखण्ड मरवाही म देवसेना स्व-सहायता समूह के महिला मन अपन घर के बारी मन म मेंहदी के पौधा लगावत हें। जेखर से पर्यावरण संरक्षण होही अऊ ओ मन ल कमई तको होही। समूह के महिला मन ह गांव म खाली पड़े भर्री जमीन म घलोक वृक्षारोपण करे के बीड़ा उठाये हें। एखर बर वन विभाग कोति ले ओ मन ल दस हजार पौधा निःशुल्क देहे जात हे।

देवसेना स्व-सहायता समूह के ग्रामीण आदिवासी महिला मन आत्मनिर्भर होए के संगें-संग पर्यावरण के सुरक्षा बर घलोक जागरूक हें। मरवाही के ग्राम नाका, बंशीताल, अमेराटिकरा, बघर्रा, सिलपहरी, पथर्रा, रूमगा, मटियाडांड़, मड़ई, मोहरीटोला, दानीकुंडी, बेहरीझोरकी, कोलबीरा गांव मन म देवसेना स्व-सहायता समूह के वा ले गठित आदिवासी महिला मन जंगल ले जुड़े व्यवसाय करके घलव आत्मनिर्भर होवत हें। समूह के महिला मन ह अब ये तय करें हे कि ओ मन अपन घर के बारी म मेंहदी के पौधा लगाहीं। मेंहदी एक अइसन कुदरती पौधा हे जेखर पत्ता, फूल, बीजा अऊ छाल मन म भरपूर औषधीय गुण होथे। मेंहदी हाथ के खूबसूरती घलोक बढ़ाथे। एखर मांग ल देखत महिला मन ह योजना बनाय हें कि पत्ता मन ल सुखाके पावडर बनाके आकर्षक पैकेजिंग म एखर बिक्री ले आय प्राप्त करहीं।

देवसेना समूह के महिला मन अपन-अपन गांव मन म खाली पड़े भर्री जमीन म घलोक वृक्षारोपण करत हें। मरवाही वनमंडल कोति ले ओ मन ल 6 हजार मेंहदी के पौधा के संगें-संग आमा, नींबू अउ नीलगिरी के पौधा निःशुल्क उपलब्‍ध कराये हे संगेच पौधा लगाय बर गड्ढा घलोक विभाग कोति ले कराये जात हे। जंगल म रहत जंगल के प्रति अपन दायित्व के निर्वहन ये महिला मन भलीभांति करत हें संगेच गांव वाले मन ल घलोक एखर बर प्रेरित करत हें।

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