मनरेगा अऊ विभागीय अभिसरण ले बाड़ी विकास ह बदलिस गुहाननाला के तस्वीर : वनाधिकार पत्र प्राप्त हितग्राही होइन लाभान्वित

धमतरी , 17 फरवरी 202। छत्तीसगढ़ म महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अऊ आन विभागीय योजना मन के अभिसरण ले जमीन के समतलीकरण करके खेत मन के जगा ल बने बढ़ाए जात हे। धमतरी जिला के नगरी विकासखण्ड मुख्यालय ले 8 किलोमीटर दूरिहा बसे ग्राम गुहाननाला म महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना अऊ आन विभागीय योजना मन के अभिसरण ले 29 एकड़ के जमीन म समतलीकरण, मेड़ बंधान के अलावा ओला खेती के लईक अऊ उपजाऊ बनाए के काम करे गए हे। एकर से अब वो जमीन न केवल उपजाऊ होए हे, भलुक हितग्राही मन के आमदनी के जरिया बन गए हे। जिला मुख्यालय ले 66 किलोमीटर दूरिहा बसे ग्राम गुहाननाला के 20 आदिवासी परिवार के जिंदगी म बदलाव तब आना शुरू होइस जब साल 2020-21 म ए मन ल मिले वनाधिकार पत्र के 29 एकड़ के जमीन के चक तय करके मनरेगा ले जमीन सुधार करे गीस। एखर बाद विभागीय अभिसरण (कृषि, उद्यानिकी, क्रेडा, जिला खनिज न्यास निधि) ले बाड़ी विकास के काम ले गीस।
गुहाननाला म मेड़ बंधान, समतलीकरण, फलदार अऊ आन पौध रोपण, जल संरक्षण के तहत निजी डबरी निर्माण, सामुदायिक फेंसिंग, बोरवेल खनन, टपक सिंचाई आदि के करीबन 28 लाख के काम स्वीकृत करे गीस। जानबा हे के एखरे संगेच बतौर विभागीय अनुदान 11 लाख 16 हजार रुपए देहे गीस। ए सबके नतीजा ये होइस के जऊन वनाधिकार पत्र प्राप्त परिवार सीमित रोजगार मनरेगा या फेर दुसर जगा म मजदूरी करत रहिन। अब ओ मन ल एक स्थाई काम मिले के मौका मिलीस। अब उंखर खाली अऊ बंजर जमीन ना केवल उपजाऊ हो गीस भलुक अऊ फेंसिंग ले सुरक्षित होगे अऊ बोर खनन ले सिंचित घलोक हो गे। इहां वनाधिकार पत्र प्राप्त लाभान्वित हितग्राही मन ह जमीन सुधार के बाद टपक सिंचाई पद्धति अऊ वर्मी कम्पोस्ट के परयोग ले सब्जी-भाजी लगाना शुरू कर देहे हें। एखर संगेच उड़द, रागी के प्रदर्शन घलोक करे गीस। तभो ले अंतरवर्तीय स्थल मन म इहां रोपे गए मल्लिका आम के पौधा मन ले फल आए म वक्त लगही, हितग्राही एखर उचित देखभाल करत हें।
गुहाननाला के लाभान्वित हितग्राही श्रीमती राधिका नेताम बताथे के 20 डिसमिल के जमीन म, जमीन सुधार के बाद उमन साग-भाजी बोंए हे। कोविड 19 म होए लॉकडाउन के समय उमन 40 रूपिया प्रति किलो के दर ले बरबट्टी के सब्जी बेंचके सात हजार रूपिया कमाइन। उहें आधा एकड़ के जमीन म श्री हीरालाल मरकाम ह कई ठन सब्जी लगाईस अऊ ओ ल घलोक 40 हजार के मुनाफा होइस। हितग्राही श्रीमती कुंती बाई कहिथे के आधे एकड़ के जमीन म टमाटर, बैगन, भिंडी, धनिया आदि उत्पादित करके जिहां वोला 17 हजार रूपिया के कमाई होइस। उहें ए साग-भाजी मन ल स्थानीय बाजार म बेचे ले क्षेत्र म कुपोषण मुक्ति के दिशा म घलोक सहयोग मिलीस। दरअसल क्षेत्र म बंजर जमीन के सेती ले जेन जगा संभव होत रहिस, केवल धान के फसल ही लगाए जात रहिस। फेर जमीन के सुधार के बाद इहां हरियर साग-सब्जी ना केवल आय के जरिए बनिस, भलुक गांव वाले मन ल घलोक एकर सेवन करे ल मिलिस। एखर से ओ मन ल पौष्टिकता तो मिलीस, खाए के स्वाद घलोक बाढि़स।
जानबा हे के लाभान्वित हितग्राही श्री जयलाल, श्रीमती राजो बाई, श्री जेठुराम, श्रीमती सोनई बाई, श्री मंगल, श्री किशनलाल, श्री मानसिंह, श्री जयराम, श्री सोमारू राम, श्री चरण सिंह, श्रीमती कुमारी बाई आदि अइसन मनखे यें, जऊन मनरेगा अऊ विभागीय अभिसरण ले बाड़ी विकास योजना के लाभ लेवत हें। ये योजना ह ए परिवार के आर्थिक सशक्तिकरण अऊ जीवन स्तर म सुधार के जरिया बने हे। अब हितग्राही आधुनिक तकनीक के उपयोग खेती-बाड़ी म करे बर बांचा बांध के आत्मविश्वास ले बढ़त हें।

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