लटमा गांव म प्लास्टिक कचरा ले कमा डरिन 80 हजार रुपिया
स्वच्छता मिशन के तहत महिला मन ल मिलीस रोजगार, पर्यावरण के घलोक होवत हे रक्षा
कोरिया, कोरिया जिला के सोनहत जनपद के सुदूर वनांचल ग्राम पंचायत लटमा के महिला मन अब प्लास्टिक कचरा ले कमाई करत हें। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत स्थापित प्लास्टिक कचरा प्रबंधन इकाई ले अब तक 23 टन प्लास्टिक कचरा के संग्रहण करे गए हे, जेमां ले 12 टन कचरा ल प्रोसेस करके रीसाइक्लिंग बर बेचे गए हे। एखर से 80 हजार रुपिया के आमदनी होए हे।
ए योजना के संचालन ग्राम के स्व सहायता समूह के चार महिला मन ह करत हें, जिन ला स्थानीय मनखे अब ‘स्वच्छता दीदी’ के नाम ले जानथें। इमन न केवल रोजगार पाए हें, भलुक ग्राम पंचायत ल घलोक 5,000 रुपए के आमदनी होए हे।
कबाड़ ले कमाई
जनपद पंचायत सोनहत के सबो 42 ग्राम पंचायत ले प्लास्टिक कचरा के संग्रहण करे जात हे। एखर बर 6 रूट तैयार करे गए हे। हाट-बाजार, ढाबा, होटल, दुकान अऊ पर्यटन स्थल ले प्लास्टिक सकेल के लटमा स्थित केंद्र म लाए जाथे। इहां कचरा ल प्रोसेस करके रीसाइक्लिंग करे जाथे। प्रसंस्कृत प्लास्टिक ल श्याम ट्रेडर्स (कोरबा) अऊ जायसवाल ट्रेडर्स (चिरमिरी) जइसे कंपनी मन ल बेचे जात हे। एखर संगेच स्थानीय कबाड़ी मन ल घलोक यूनिट ले जोड़े गए हे, जेखर से विक्रय प्रक्रिया ल अऊ गति मिले हे।
गांधी जयंती म होए रहिस शुरुआत, अब बनत हे मॉडल
ए केंद्र के शुरुआत 2 अकटूबर 2024 के गांधी जयंती के अवसर म करे गए रहिस। एकर संचालन पीपीपी मॉडल के तहत करे जात हे। केंद्र के प्रोसेसिंग क्षमता 2 टन प्रतिदिन हे। अब-तक इहां ले 9 टन प्लास्टिक बेचे जा चुके हे, जबकि 3 टन स्टॉक म रखे हे, जेन ल जल्द बेंचे जाही।
महिला मन ल मिलीस आत्मनिर्भरता के रद्दा
ए पहल ले स्वच्छता दीदी मन ल 12,000 रुपिया तक के सीधा लाभ मिले हे। प्लास्टिक विक्रय ले आन पंचायत के महिला मन ल घलोक लाभ होवत हे। ये पूरा प्रणाली एक सतत अऊ लाभकारी मॉडल के रूप म उभरत हे, जेन ल जिला के आन ग्राम पंचायत मन म घलोक लागू करे के तैयारी हे।
भितरी जंगल-डोंगरी के दीदी मन बनिन मिसाल
