रायपुर, 11 फरवरी 2024। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ह एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय के पुण्यतिथि म ओ मन ल नमन आज करिन हे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के स्मृति दिवस 11 फ़रवरी ल बगिया कैंप कार्यालय म ऊंखर छायाचित्र म मुख्यमंत्री ह श्रद्धा सुमन अर्पित करिन। उमन कहिन कि एकात्म मानववाद के विचारधारा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद हे जेन समाजवाद अऊ व्यक्तिवाद ले अलग सोचे के आजादी देथे।
एकात्म मानववाद एक वर्गहीन, जातिविहीन अउ संघर्ष मुक्त सामाजिक व्यवस्था जेन साम्यवाद ले अलग हे जेला ओ रूप म परिभाषित करे गए हे। सामाजिक, आर्थिक अऊ राजनीतिक तरीका ले भारतीय संस्कृति के एकीकरण होना चाही।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय के मुख्य विचार ल उंखर भारतीयता, संस्कृति अऊ अंत्योदय के संकल्पना म देखे जा सकत हे। ‘सब बर शिक्षा’ अऊ ‘हर हाथ ल काम, हर खेत ल पानी’ के ऊंखर दृष्टिकोण ल आर्थिक लोकतंत्र के ऊंखर विचार म परिणित होत देखे गीस। आर्थिक लोकतंत्र के अपन विचार ल समझात ओ मन कहे हें, ‘कहूं सबो बर वोट राजनीतिक लोकतंत्र के कसौटी हे, त सबो बर काम आर्थिक लोकतंत्र के माप हे। उमन बड़े पैमाना के उद्योग आधारित विकास, केंद्रीकरण अऊ एकाधिकार के विचार के विरोध करत स्वदेशी अऊ विकेंद्रीकरण के वकालत करिन। उमन आगू कहिन कि कोनो व्यवस्था जेन रोजगार के अवसर ल कम करथे वो अलोकतांत्रिक हे। उमन सामाजिक असमानता ले मुक्त एक अइसन व्यवस्था के वकालत करिन जहां पूंजी अऊ शक्ति के विकेंद्रीकरण होवय।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय के कहना रहिस कि भारतीय संस्कृति के नींव म एक मजबूत अऊ समृद्ध भारतीय राष्ट्र के निर्माण करना हे, जेन सबो ल स्वतंत्रता, समानता अऊ न्याय (धर्मराज्य), सबो बर सबले अधिक भलाई (सर्वोदय अऊ अंत्योदय) अऊ संश्लेषण, नही कि संघर्ष ल आधार बनावयं।