दिव्यांग श्रीमती श्यामकली बंजारे के जीवन ल बिहान योजना ले मिलीस नवा दिशा: प्रेरणा अऊ प्रोत्साहन ले असंभव बनिस संभव

राजनांदगांव, प्रेरणा अऊ प्रोत्साहन ले असंभव घलोक संभव हो जाथे। एखर एक मिसाल हे छुरिया विकासखंड के ग्राम अछोली के श्यामकली बंजारे। ओ ल प्रेरणा मिलीस राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के बिहान ले अऊ वोखर जीवन ल नवा दिशा मिलीस। श्रीमती श्यामकली बंजारे ह बताइस के ओ ह पांव ले निःशक्त हे अऊ वोखर पति दुनों हाथ ले दिव्यांग हे। परिवार के आर्थिक स्थिति दयनीय रहिस, दू बखत के रोटी निकालना घलोक कठिन रहिस। शारीरिक अपंगता के सेती ओ मन ल कोनो काम आसानी ले नइ मिल पात रहिस। ओखर घर कच्चा झोपड़ी वाला रहिस जेमां बरसात के दिन म छत ले पानी टपके ले कठिनाई के सामना करना परत रहिस, ऊंखर बर तो घर बनवाना एक सपना के समान रहिस। बिहान ले जुड़के श्रीमती श्यामकली बंजारे के जीवन म बदलाव आइस जेकर से ओ ह अपन परिवार बर आजीविका के साधन जुटा सकिस। वो ह जूट बारदाना सिलाई के काम करना शुरू करिस अऊ वोखर पति गांव म ही नल ऑपरेटर के काम करे लागिस, जेखर से ऊंखर आमदनी म बढ़ोतरी होइस।

श्रीमती श्यामकली बंजारे ह बताइस के वोखर पति के नाम ले आधा एकड़ जमीन हे अऊ एखर से परिवार के भरण-पोषण नइ हो पात रहिस। बिहान ले जुड़े के बाद वोखर आत्मविश्वास बाढि़स अऊ समूह बैठक, बचत के माध्यम ले क्षमता के विकास होइस। वो ह महिला समूह अऊ बैंक लिंकेज के माध्यम ले मिले राशि ल आजीविका काम म उपयोग करके अपन एक निश्चित आमदनी बना लीस अऊ उही आमदनी ले वो ह अपन निवास बर पक्का मकान बनाइस। ओ ह अपन खुद के आमदनी ले बैंक ऋण राशि ल घलव आसानी ले चुकावत हे। वोकर बताती पहिली विकट हालत आए म साहूकार मन ले जादा ब्याज म घलोक कर्ज लेके असल राशि ले घलोक जादा ब्याज चुकाए जइसे परिस्थिति मन के सामना करना परत रहिस। फेर श्रीमती श्यामकली जब ले बिहान योजना ले जुड़े हे, तब ले ओ ल जरूरत परे म समूह अऊ बैंक के माध्यम ले बहुतेच कम ब्याज दर म आसानी ले पइसा के सहायता मिलत हे। जेखर से वो अपन आजीविका अऊ जरूरत ल पूरा कर पावत हे। अपन शारीरिक अपंगता ल भुलाके वो ह घर के चारदीवारी ले बाहिर निकलके अपन परिवार के जीविकोपार्जन बर आजीविका के साधन बनाए हे। श्रीमती श्यामकली एक फैक्ट्री म बारदाना सिलाई के काम करथे। जेखर से अब वोखर आमदनी ले परिवार के पालन पोषण बने सहिन होवत हे अऊ अपन काम ले आज ओ ह अपन खुद के पक्का मकान बना डरे हे अऊ करीबन 48 हजार रूपिया वार्षिक आमदनी के संग खुशहाल जीवन यापन करत हे। अपन शारीरिक निःशक्तता के बावजूद अपन परिवार के आर्थिक स्थिति ल सुधारके अपन जीवन स्तर म बदलाव करके आज ओ ह गांव के आन महिला मन बर प्रेरणाश्रोत बन गए हे।

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