दिव्यांग रामनंदन ल सामरथ मुताबिक मनरेगा ले मिलीस सरलग रोजगार

सरगुजा, राज्य सरकार के हर मनखे ल काम मिलय ये अवधारणा ल दिव्यांग रामनंदन ह सार्थक कर देखाए हे। दिव्यांग रामनंदन ल क्षमता के मुताबिक मनरेगा ले साल 2015 ले सरलग काम मिलत हे। एखर से ओ ह न केवल परिवार के भरण-पोषण कर पावत हे भलुक वोखर दू लइका मन ल घलोक पढ़ाए-लिखाए म मदद मिलत हे। जानबा हे कि जिहां ग्रामीण क्षेत्र मन म रहइया बर शहर आके काम करना कोनो चुनौती ले कम नइ होवे अऊ शहर म हर मनखे ल काम मिलय, एखर कोइ गारण्टी घलोक नइ होवय, उहें स्थानीय स्तर म मनरेगा ले काम मिलना दिव्यांग रामनंदन बर कल्पना ले कम नइ हे।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) ह गांव वाले मन के ये बड़का चुनौती ल स्थानीय स्तर म ही 100-दिन के रोजगार के गारण्टी देके काफी हद तक हल करे हे। दुसर कोति योजना के तहत होवइया काम मन म घलोक अर्द्धकुशल अउ कुशल श्रमिक मन ल रोजगार मिलत हे। एखर से समाज के कमजोर वर्ग के मनखे मन ल विकास के मुख्यधारा म सामिल होए के समान अवसर मिलत हे।
सरगुजा जिला के अम्बिकापुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत चठिरमा के निवासी रामनंदन पिता शिवप्रसाद बर घलोक शहर आके रोजगार खोजना चुनौती अऊ मुश्किल ले भरे रहिस। एक पैर ले दिव्यांगता के सेती जादा मेहनत या भार उठाए वाला काम कर पाना मुश्किल रहिस, उहें मात्र हायर सेकेण्डरी तक के शिक्षा के सेती दिव्यांग रामनंदन ल उपयुक्त रोजगार मिलना घलोक चुनौतीपूर्ण रहिस। अइसन म मनरेगा श्री दिव्यांग रामनंदन बर सहारा बनिस। ओ ल ग्राम रोजगार सहायक ले जानकारी मिलीस कि योजना के तहत दिव्यांग मनखे मन ल घलोक उंखर क्षमता के मुताबिक रोजगार के अवसर प्राप्त होथे।
ग्राम रोजगार सहायक के ए बात ह रामनंदन के मुश्किल ल आसान कर दीस। वो ह बिना कोनो देर करे, ग्राम पंचायत म रोजगार बर आवेदन दे दीस। ग्राम पंचायत ह ओ ल वोखर दिव्यांगता के अनुसार महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत कार्यस्थल म श्रमिक मन के प्रबंधन बर मेट के रुप म अउ समय-समय म श्रमिक मन ल पानी पिलाए के काम देवत रोजगार के अवसर प्रदान करिस। ये प्रकार श्री रामनंदन ल साल 2015 ले महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत सरलग काम मिलत हे अऊ ओ ल योजना ले पाछू पाँच साल म 79 हजार 895 रुपिया के मजदूरी भुगतान करे गए हे। गाँवे म ही रोजगार प्राप्त करके ओ ह अब पहिली ले कहूं जादा सशक्त हो गे हे।
दिव्यांग रामनंदन कहिथे कि वोखर परिवार म वोखर धर्मपत्नी श्रीमती विफाईया के अलावा दू लइका हे। ओ मन योजना ले मिले मजदूरी ल अपन दुनों लइका सूर्यकांत अऊ रविकांत के पढ़ाई अऊ परिवार के भरण-पोषण म खर्च करत हे। बचे पइया ल खेती-बाड़ी म लगाथे। ओ ह बताथे कि वोखर तिर 0.8 एकड़ कृषि जमीन हे, जऊन ल वोखर पत्नी संभालथे। वो वोमें धान के पैदावार लेथे अऊ साग-सब्जि उगाथे।

लउछरहा..