आईआईटी धनबाद ह 62 बछर के पुरुषोत्तम अग्रवाल ल दीस डॉक्टरेट के उपाधि

किसान मन ल धान के जरूरत मुताबिक पानी के उपयोगिता समझे म मिलही बड़का मदद

रायपुर, छत्तीसगढ़ जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता अभी हाल म प्रभारी अधीक्षण अभियंता पुरुषोत्तम अग्रवाल ल आईआईटी धनबाद कोति ले “ऑप्टिमल इरिगेशन प्लानिंग फॉर कमांड एरिया आफ पेंड्रावन टैंक ए छत्तीसगढ़, इंडिया” विसय म शोध बर पीएचडी के उपाधि ले नवाजे गए हे। ये शोध ले खेती म पानी के अपव्यय, मृदा के पोषकता एयर सन्तुलन, फसल मन के उत्पादन म बढ़ोतरी, खेती के समय कई ठन मृदा, क्लाइमेटिक कंडीशन के आधार म पानी के उपयोगिता तय करे म बड़का मदद मिलही।
ये शोध के महत्व के बारे म बात करत डॉ पुरुषोत्तम अग्रवाल ह बताइस कि पौधा मन के बोवई ले लेके कटई तक चार स्टेज म, इनिशियल, डेवेलपमेंट, मिड सीजन स्टेज, लेट सीजन (हार्वेस्टिंग स्टेज), सामिल हे। ए चारों स्टेज म ये जरूरी हे कि पौधा मन ल पौधा के जरूरत मुताबिक ही मिट्टी, क्लाइमेटिक कंडीशन अऊ वर्षा जल के मुताबिक पानी उचित मात्रा म मिलय ताकि फसल बने होवय। अलग अलग माटी मन के अनुकूल फसल मन म जल के उपयोगिता ल जाने बर कुछ मानकों जइसे- मिट्टी के प्रकार, ग्राउंड वाटर के मात्रा, बारिश के मात्रा, मौसमी बदलाव के सॉफ्टवेयर के माध्यम ले अध्ययन करे गीस, ये जाने बर कि धान के फसल ल कब अऊ कतेक मात्रा म पानी के जरूरत होथे।
डॉ अग्रवाल ह जल संसाधन विभाग म साल 1980 म उप अभियंता के पद म नौकरी ज्वाइन करिस। उमन 1987 म शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय रायपुर ले बी.ई. सिविल इंजीनियरिंग के उपाधि प्राप्त करिन। जेखर बाद ओ मन ल विभाग म सहायक अभियंता के पद म पदोन्नति प्राप्त होइस। डॉ अग्रवाल ह साल 2007 म जनहित म एक स्लूस गेट के आविष्कार करिस। जेन ल कई नहर, बांध अउ नदिया मन म बनइया स्टाप डेम योजना मन म उपयोग बर किफायती पाए गीस। जेखर नाम म “पी टाइप स्लूस गेट” के रूप म नामकरण करत छत्तीसगढ़ शासन ह मान्यता देके ओ मन ल सम्मानित करिस। शासन कोति ले स्पॉन्सरशिप के तहत 53 साल के उमर म साल 2013 म एनआईटी रायपुर ले रेगुलर कोर्स ले एमटेक के उपाधि उमन पहिली श्रेणी म उत्तीर्ण करिन। सेवानिवृत्ति के बाद डॉ अग्रवाल कई ठन संस्थान, आईआईटी, एनआईटी म ऑनरेरी शिक्षा सेवा देना चाहत हें अउ किसान मन ल धान के फसल म उचित समय म उचित मात्रा म सिंचाई करके उंखर आर्थिक आय अऊ उत्पादन क्षमता ल बढ़ाय म मदद करना चाहत हें।

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